कानपूर: जमीअत यूपी अध्यक्ष ने किया हैलट अस्पताल का दौरा
ट्रेन दुर्घटना में घायलों का जाना हालचाल
कानपुर :- पोखरायाँ ट्रेन दुर्घटना में अध्यक्ष जमीयत उलमा उत्तर प्रदेश के निर्देश पर जमीयत उलमा कानपुर के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे और कानपुर देहात पोखरायाँ, भोगनीपुर और मुगीसापुर के कार्यकर्ताओं द्वारा पोखरायाँ के घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ितों की खबर ले़ने और राहत पहुंचाने के बाद आज खुद जमीयत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा कासमी ने प्रांतीय और नगर इकाई के जमीयत के जिम्मेदारों के साथ कानपुर में हैलट अस्पताल का दौरा कर घायलों का हालचाल और उन्हें सांत्वना देने के साथ ही हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। घायलों और उनके तीमारदारों और आए हुए उनके परिजनों में दालमोट, बिस्कुट, पानी वितरण के साथ रात का खाना तैहरी पकवाकर बांटी गई। मौलाना ने कहा कि जमीयत उलमा मुसीबत की इस घड़ी में पूरी तरह पीड़ितों के साथ है। मौलाना उसामा ने गहरे दुख व्यक्त करते हुए परिजनों से धैर्य और घायलों के लिए स्वस्थ होने की अल्लाह से दुआ करने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि पीड़ितों और घायलों के परिजनों के लिए मुआवजा बढ़ाया जाए और उन्हें नई मुद्रा दी जाए। मौलाना ने उच्च स्तर पर जांच की मांग करने के साथ ही कहा कि दुर्घटना के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और ठोस रणनीति बनाई जिससे कि आगे कभी भी ऐसी घटना घटित न हो सके।
मौलाना उसामा ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह रेलवे के मोबाइल एप्स जारी करने से ज्यादा महत्वपूर्ण और जरूरी काम पर ध्यान दे, सबसे महत्वपूर्ण काम रेलवे के संचालन प्रणाली में सुधार करना है, जिसमें खामियों के कारण कई बार दुर्घटनायें होती हैं और आम नागरिकों की जान जाती है। इस संबंध में काकोधकर समिति की सिफारिशों को नज़रअन्दाज़ किया जाना बहुत ही गलत बात है। इस समिति ने आज से चार साल पहले 2012 में विशेष रूप से संकेत व फ्रिक्वेंसी प्रणाली के सुधार से संबंधित कल्याणकरी सलाह दिए थे जिन पर अमल करने के लिये सरकार ने पांच साल का लक्ष्य तय किया था, लेकिन इस बीच सिफारिशों के कार्यान्वयन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया और केवल लंबे दावे किए गए।
घायलों का हालचाल लेने और उन्हें सांत्वना देने के साथ दालमोट, बिस्कुट, पानी, तिहरी आदि वितरण करने वालों में मौलाना उसामा के अलावा नगर इकाई के उपाध्यक्ष डॉ हलीमुल्लाह खां, मौलाना मुहम्मद अनीस खान क़ासमी, मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी, मौलाना मुहम्मद इनामुल्लाह कासमी , क़ारी अब्दुलमुईद चौधरी, मुर्सलीन खान भोलू, शारिक नवाब, अमीम खां, मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी, मौलाना अकील जामई, मुशीर आलम, सादिक अमीन, डा0 मुबारक, क़ारी अनीस अहमद साबरी, मौलाना मुहम्मद मेराज, हाफिज अब्दुल हलीम सहित कई लोग शामिल थे।