किसानों को दी गयी छूट ऊंट के मुंह में जीरा के समान: शिवपाल यादव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो आज किसानों को छूट दी है वह मात्र झुनझुना है। केवल सरकारी दुकानों से बीज व खाद खरीदने की छूट दी गयी है, जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
श्री यादव ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी को अवगत कराना चाहता हूं कि इफको व कृभको केन्द्र सरकार की संस्थाएं है। इनके द्वारा दिया गया सामान पीसीएफ के माध्यम से जिला सहकारी संस्थाओं तक पहुंचता है और संस्थाओं के माध्यम से बीज व खाद आदि सामान किसानों तक पहुंचता है। किसानों का पैसा जिला सहकारी बैंकों में होता है। इसके अलावा किसानों को खाद व बीज खरीदने के लिए सस्ते दरों पर जो लोन दिया जाता है वह जिला सहकारी बैंक देते हैं और जिला सहकारी बैंकों पर प्रधानमंत्री ने रुपयों के लेन देन पर रोक लगा रखी है जबकि इन बैंकों को लाइसेंस भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ही दिया जाता है।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सूदखोरों से छूटकारे के लिए ही 1958 में सहकारी संस्थाएं बनायी गयी थी। इनका असली मकसद ही किसानों के हित में काम करना है। यह संस्थाएं 1958 से ही अपने गठन के अनुरुप काम करते हुए किसानों को बहुत ही कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराती हैं ताकि किसान बीज व खाद से अपनी उपज तैयार कर सके।
उन्होंने कहा कि किसानों का पैसा सहकारी बैंकों में जमा है। उस पर से तो रोक हटाई नहीं गयी। केवल सरकारी दुकानों से बीज व खाद खरीदने की छूट दी गयी है, जो ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। हम मांग करते हैं कि तुरन्त सहकारी बैंकों पर लगी रुपयों के लेनदेन की रोक हटाई जाये। उन्होंने कहा कि यदि सहकारी बैंकों और संस्थाओं पर लगी रोक नहीं हटाई गयी तो उत्तर प्रदेश का किसान और देश का किसान बर्बाद हो जायेगा और यदि किसान बर्बाद हुआ तो देश में भुखमरी फैल जायेगी। श्री यादव ने कहा कि जिला सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों से रोक न हटने पर इन पर कार्यरत कर्मचारी भी बेरोजगार हो जायेंगे जिसकी जिम्मेदारी भी केन्द्र की भाजपा सरकार पर होगी।