’यू.पी. 100 यूपी’ योजना सपा सरकार का सिर्फ ड्रामा है: मायावती
लखनऊ: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज सपा सरकार द्वारा पुलिस की हाई-फाई ’यू.पी. 100’ व्यवस्था को दिखावा और ड्रामेबाजी बताया है । मायावती ने कहा कि इससे प्रदेश की ध्वस्त व दयनीय कानून-व्यवस्था की स्थिति कतई सुधरने वाली नहीं है, बल्कि इसकी भी इस सपा सरकार में वही दुर्गति होने वाली है जो अपराध-नियंत्रण के उद्देश्य से पहले ‘‘कैमरे’’ लगाये जाने की महत्वाकांक्षी व्यवस्था की हुई है।
मायावती ने आज जारी एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में जबसे सपा सरकार बनी है तबसे यहाँ पूरे प्रदेश में हर स्तर पर क़ानून द्वारा क़ानून का राज नहीं है, बल्कि इसके स्थान पर गुण्डों, बदमाशों, माफियाओं, अराजक, भ्रष्ट व साम्प्रदायिक तत्वों का ही जंगलराज चल रहा है। इसके साथ ही सपा परिवार में आपसी वर्चस्व को लेकर अन्दर-अन्दर जर्बदस्त मची घमासान की वजह से अब प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था की स्थिति और भी ज़्यादा दयनीय हालत में पहुँच गयी है। अतः वर्तमान सपा सरकार का मुखिया उत्तर प्रदेश में ऐसी विकट व भयंकर स्थिति में चल रही ़खासकर प्रदेश की कानून-व्यवस्था के मामले में अब अपनी सरकार के बचे हुये चन्द दिनों में कितनी भी हाई-फाई यू.पी. 100 जैसी व्यवस्था बनाने का दिखावा व ड्रामाबाजी कर ले, तो भी इससे यहाँ हालात सुधरने वाले नहीं है, बल्कि इसके लिये तमाम आपराधिक व अराजक एवं साम्प्रदायिक तत्वों पर सख़्त शिकंजा कसने की मज़बूत इच्छाशक्ति व ईमानदार प्रयास करने की ज़रुरत है, जो वर्तमान सपा सरकार के पास कभी भी नहीं रही है।
सपा मंत्रिमण्डल द्वारा अनेक मुद्दों पर कल लिये गये निर्णयों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने कहा कि पहले तो सपा सरकार द्वारा चीनी मिल मालिकों को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ पहुँचा दिया गया और अब गन्ना किसानों को चालू पेराई सत्र के लिये गन्ना मूल्य में जो 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गयी वह ना केवल काफी कम है बल्कि किसानों का कहना है कि वह लागत मूल्य से भी कम है। साथ ही, गन्ना किसानों को उनका बकाया नहीं दिलाया गया है, परन्तु पूरे प्रदेश की लगभग 22 करोड़ आमजनता के लिये मात्र 170 मेडिकल मोबाइल यूनिट शुरु करने की घोषणा के बारे में उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने इस प्रकार के फैसले पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान् क्यों नहीं लिये?
मायावती ने कहा कि सपा सरकार, केन्द्र की भाजपा सरकार की तरह ही, जल्दबाजी में राजनीतिक स्वार्थ वाले आर्थिक फैसले बिना पूर्व बजट प्रावधान के ही लगातार ले रही है, जिसकी बी.एस.पी. की सरकार बनने पर अवश्य ही समीक्षा करायी जायेगी। इतना ही नहीं बल्कि सपा सरकार के ज्यादातर फैसले चुनावी स्वार्थ के तहत् लिये जा रहे हैं तथा इनमें लक्जरी गाड़ी खरीदने जैसे व्यक्तिगत स्वार्थ के कई फैसले भी शामिल हैं, जो अति-निन्दनीय है। इन पैसों का इस्तेमाल व्यापक जनहित जैसे डेंगू जैसी घातक बीमारी की मार झेल रहे लोगों की राहत पर भी खर्च किये जा सकते थे।