शादियों के मौसम के बाद होना चाहिए था नोटबंदी का फैसला: रामदेव
नई दिल्ली: देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के बाद से शादी वाले घरों में नकदी की भारी किल्लत है. इसे देखते हुए सरकार ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए शादी के खर्चे के लिए एक बार में 2.5 लाख रुपये तक निकालने की छूट दे दी. सरकार के इस फैसले पर योगगुरु रामदेव ने गुरुवार को कुछ ऐसे तर्क दिए कि सभी की हंसी छूट गई.
रामदेव ने थोड़े मजाकिया लहजे में कहा, 'बीजेपी में काफी लोग कुंवारे हैं… इन लोगों ने जरा पता ही नहीं लगाया कि यह शादियों का मौसम है… तो यह गलती हो गई.'
सत्ताधारी बीजेपी के करीबी माने जाने वाले योगगुरु ने कहा, 'अगर उन्होंने (सरकार ने) 15 दिन बाद या महीने भर बाद यह फैसला लिया होता, तो शादियों में इतनी दिक्कत नहीं होती.' 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार कर चुके रामदेव ने साथ ही कहा, 'खैर थोड़ी तकलीफ तो हुई, लेकिन इससे एक फायदा तो हुआ ही है, कि लोगों को अब दहेज देना नहीं पड़ रहा है, एक बहाना तो मिल गया है.'
देश में प्रचलित दो सबसे बड़े मूल्य के नोटों को बंद किए जाने के फैसले का कई लोगों ने काले धन और करमुक्त धन को काबू में करने की राह में बड़ा कदम बताते हुए स्वागत किया है. हालांकि इस फैसले से देश में मौजूद करीब 85% नकद अचानक से बंद हो गई और लोगों को भारी नकदी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. नवंबर और दिसंबर महीने में देश में शादियां भी खूब होती है, ऐसे में नकदी की कमी ने उनकी मुश्किलें काफी बढ़ा दी.
इसे देखते हुए सरकार ने शादी की तैयारियों के लिए परिवार को एक बार में 2.5 लाख रुपये तक निकाले की छूट दे दी. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने गुरुवार ने इसी घोषणा करते हुए कहा, '(हम) फैसला किया है कि विवाह समारोह के लिए बैंक खाते से एक बार में ढाई लाख रुपये निकालने की इजाजत होगी और ये पैसे दूल्हा या दुल्हन के मां-बाप ही निकाल सकेंगे.'