महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अपराध सामयिक महत्व के विषय
राज्यपाल ने इंटरनेशनल कांफ्रेंस आन इण्डियन कांग्रेस आफ फारेंसिक मेडिसिन एण्ड टाॅक्सिकोलाॅजी का उद्घाटन किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती नगर में आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस आन इण्डियन कांग्रेस आफ फारेंसिक मेडिसिन एण्ड टाॅक्सिकोलाॅजी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती रेणुका कुमार, सचिव गृह श्री कमल सक्सेना, कुलपति किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रो0 रविकांत, कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय श्री एस0पी0 सिंह, निदेशक संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान प्रो0 राकेश कपूर, यूनीसेफ की सुश्री पीयूष एंथनी, श्री आर0के0 विश्वकर्मा एडीजी टेक्निकल सहित अन्य विद्वतजन व विभिन्न प्रदेशों से आये हुये विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने मुख्य अतिथि के तौर पर उद्घाटन के उपरान्त अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि राज्य सरकार फोरेंसिक विषय को लेकर सम विश्वविद्यालय स्थापित करने पर विचार कर रही है। प्रदेश चुनाव की ओर जा रहा है। विषय की तात्कालिकता को देखते हुए यदि इस पर कोई अध्यादेश अथवा विधेयक सरकार की ओर से आयेगा तो वे उस पर अवश्य विचार करेंगे। फोरेंसिक जांच के द्वारा अपराध पर वैज्ञानिक तरीके से नियंत्रण किया जा सकता है। महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध कैसे कम हों, इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अपराध सामयिक महत्व के विषय है।
श्री नाईक ने कहा कि फोरेंसिक जांच में पुलिस एवं मेडिकल रिपोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में व्यापक अवस्थापना की आवश्यकता है। संकोच के कारण महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध का प्रतिशत थाने तक बहुत कम पहुँचता है। यह एक गंभीर मनोवैज्ञानिक विषय है। महिलाओं एवं बच्चों के प्रति होने वाले अपराध निसंकोच दर्ज हो, इसके लिए महिला अधिकारियों का उपलब्ध होना जरूरी है। सरकार इस क्षेत्र में अनेक प्रभावी कदम उठा रही है। अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि सरकार की मंशा और जनहित के अनुसार काम करें। सरकार द्वारा दिये जाने वाला मुआवजा पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर मिले। उन्होंने कहा कि ऐसे विषय पर आयोजित संगोष्ठी से ज्ञान में वृद्धि होती है तथा आम लोगों को फायदा होता है।
प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास रेणुका कुमार ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के प्रति होने वाले अपराध को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है। अपराधी को सजा दिलाने में पुलिस एवं चिकित्सा रिपोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। श्रीमती कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा महिला सम्मान प्रकोष्ठ की स्थापना की गयी है, जिसके माध्यम से पीड़ितों को मुआवजा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराध रोकने के अन्य प्रयास पर भी प्रकाश डाला।
सचिव गृह कमल सक्सेना ने कहा कि महिलायें एवं बच्चें अपने अधिकार से अनभिज्ञ हैं। इस दृष्टि से यह संगोष्ठी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। महिलायें इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। महिलायें, पुलिस, गृह, विधि विज्ञान, एन0जी0ओ0 एवं मीडिया के संयुक्त प्रयास से इस क्षेत्र में बहुत कुछ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के प्रति पूरी तौर से संवेदनशील और कृत संकल्प है।