अखिलेश ने बढ़ाया ग्राम प्रधानों का मानदेय
मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य निर्धारित
मंत्रिपरिषद ने वर्तमान पेराई सत्र 2016-17 के लिए गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एस0ए0पी0) के निर्धारण के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत गन्ने की अगेती एवं सामान्य प्रजातियों में 10 रुपए प्रति कुन्तल तथा सामान्य एवं अनुपयुक्त प्रजातियों में 5 रुपए प्रति कुन्तल का अन्तर रखते हुए, वर्तमान पेराई सत्र के लिए राज्य परामर्शित मूल्य की दरें निर्धारित की गई हैं। अगेती प्रजातियों के लिए 315 रुपए प्रति कुन्तल, सामान्य प्रजातियों के लिए 305 रुपए प्रति
कुन्तल तथा अनुपयुक्त प्रजातियों के लिए 300 रुपए प्रति कुन्तल का राज्य परामर्शित मूल्य निर्धारित किया गया है।
इसके अतिरिक्त, पेराई सत्र 2016-17 के लिए चीनी मिलों के वाह्य क्रय केन्द्रों से गन्ने का परिवहन मिल गेट तक कराए जाने के मद में होने वाली कटौती की दर को, गत वर्ष की भांति 8.75 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। पेराई सत्र 2016-17 के लिए राज्य परामर्शित मूल्य (एस0ए0पी0) के अनुसार निर्धारित देय गन्ना मूल्य का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किसानों को एकमुश्त किया जाएगा।
चीनी मिलों को वर्तमान पेराई सत्र 2016-17 में, गन्ना क्रय कर व चीनी पर प्रवेश कर से कोई छूट तथा सोसाइटी कमीशन की शासकीय प्रतिपूर्ति की सुविधा नहीं दी जाएगी। साथ ही, गन्ना किसानों/सहकारी गन्ना विकास समितियों के हित के दृष्टिगत इस पेराई सत्र हेतु सोसाइटी कमीशन की दर अंकन 4.50 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित की गई है। तद्नुसार उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) नियमावली, 1954 के नियम-49 में आवश्यक संशोधन किया जाएगा।
पाण्टून पुलों पर पथकर वसूली समाप्त
मंत्रिपरिषद ने राज्य के विभिन्न मार्गों पर स्थित पाण्टून पुलों पर पथकर वसूली समाप्त किए जाने का निर्णय लिया है।
उत्तरी भारत नौघाट अधिनियम-1878 की धारा-15 के तहत पंचायतीराज विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति संख्या-66293ग/33-3-31बी(10)/65 दिनांक 23 सितम्बर, 1974 तथा अधिसूचना संख्या-221/33-3-232/78 दिनांक 05 मई, 1995 को सार्वजनिक नौकाघाटों, जिसमें नौकाओं, पाण्टूनों या बेड़ों का पुल, झूला पुल, उड़न पुल और अस्थायी पुल तथा किसी नौघाट के पहुंच मार्ग और उतराई स्थान पर पथकर की वसूली की जाती है।
वर्तमान में राज्य में 67 फेरी/पाण्टून पुल स्थापित/प्रान्तीयकृत है। पाण्टून पुलों का प्रयोग ज्यादातर गांव की गरीब जनता द्वारा किया जाता है, जो पथकर देने में सक्षम नहीं होते हैं। इसके दृष्टिगत जनहित में सम्बन्धित विज्ञप्ति एवं अधिसूचना को पथकर की वसूली के लिए लागू न करने का निर्णय लिया गया है।
ग्राम प्रधानों के मानदेय में बढ़ोत्तरी का फैसला
मंत्रिपरिषद ने ग्राम प्रधानों के मानदेय तथा अधिकारों में बढ़ोत्तरी का फैसला लिया है। ग्राम प्रधानों के कर्तव्यों एवं दायित्वों में बढ़ोत्तरी एवं उनकी मांगों पर विचार करते हुए मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है। ग्राम प्रधानों के मानदेय में 40 प्रतिशत वृद्धि करते हुए इसे 2,500 रुपए से बढ़ाकर 3,500 रुपए कर दिया गया है। मनरेगा के अनुरूप केन्द्रीय एवं राज्य वित्त आयोग के तहत लिए गए निर्णय के अनुसार 2 लाख रुपए तक के कार्यों की प्रशासनिक, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। साथ ही, वार्षिक कार्य योजना की स्वीकृति पूर्ण रूप से ग्राम सभा की खुली बैठक में किये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
इसके अलावा, यात्रा एवं आनुसंगिक व्यय के रूप में खर्च के लिए अनुमन्य 5,000 रुपए की धनराशि को बढ़ाकर अधिकतम 15 हजार रुपए प्रतिवर्ष किए जाने का भी निर्णय लिया गया है। साथ ही, ग्राम प्रधानों को आकस्मिक खर्च के रूप में 01 हजार रुपए के स्थान पर 5,000 रुपए अपने पास रखने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
प्रस्तावित वृद्धि इस शर्त के तहत अनुमन्य की गई है कि इन मदों पर व्यय होने वाली धनराशि ग्राम पंचायतें अपनी ग्राम निधि में जमा धनराशि (जिसमें राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के आधार पर पंचायतों को संक्रमित की जाने वाली धनराशि भी शामिल हैं) में से वहन करेंगी तथा इसके लिए अलग से कोई बजट आवंटित नहीं किया जाएगा।
राजस्व विभाग के लेखपालों को लैपटाॅप एवं स्मार्टफोन दिए जाने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने राजस्व विभाग के लेखपालों को लैपटाॅप, डाटा कार्ड एवं स्मार्टफोन दिए जाने के प्रस्ताव को सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान कर दिया है। लैपटाॅप एवं स्मार्टफोन की उपलब्धता से लेखपाल अपने कार्यों एवं दायित्वों का गुणवत्तापरक, समयबद्ध, समुचित एवं सुचारू रूप से निर्वहन कर सकेंगे।
उपलब्ध कराए जाने वाले लैपटाॅप एवं डाटा कार्ड की विशिष्टितयों का निर्धारण लेखपालों के कार्यों एवं दायित्वों के अनुरूप राजस्व परिषद द्वारा इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग के सहयोग से किया जाएगा। चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 के आय-व्ययक में प्राविधानित धनराशि 20 करोड़ रुपए की सीमा तक तत्काल लैपटाॅप व डाटा कार्ड खरीद लिए जाएंगे तथा खरीद की कार्यवाही नियमों/शासनादेशों के अनुसार राजस्व परिषद द्वारा की जाएगी। अवशेष लैपटाॅप व डाटा कार्ड वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर क्रय किए जाएंगे। क्रय किए जा रहे लैपटाॅपों का आवंटन सम्बन्धित जिलों में कार्यरत लेखपालों की संख्या के अनुपात में राजस्व परिषद द्वारा किया जाएगा तथा जिलाधिकारियों द्वारा लेखपालों को लैपटाॅप का आवंटन ज्येष्ठता के अनुसार किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए राज्य के सभी लेखपालों को स्मार्टफोन देने के प्रस्ताव को भी सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान किया गया है। राज्यांश व केन्द्रांश मद में आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 के आय-व्ययक में राजस्व विभाग के सुसंगत अनुदान संख्या व लेखाशीर्षक के अन्तर्गत आय-व्ययक में इसकी व्यवस्था की जाएगी।
170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट परियोजना का संचालन
व्यापक जनहित में पी0पी0पी0 माॅडल पर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट के संचालन के लिए मंत्रिपरिषद ने ‘कोरिजेन्डम टू आर0एफ0पी0’ को अनुमोदित कर दिया है। इस सम्बन्ध में अन्य निर्णय तथा वांछित कार्यवाही पर अग्रेत्तर निर्णय लिए जाने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने का फैसला भी मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन प्रदेश के चयनित 36 जिलों में किया जाएगा। इस पर आने वाले व्यय का वहन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मद से किया जाएगा। नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट के तहत प्रत्येक यूनिट में 02 वाहन होंगे, जिसमें 01 वाहन चिकित्सीय उपकरण कार्य के लिए तथा दूसरा वाहन स्टाफ के लिए होगा।
170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट में डाॅक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स, लैब टेक्नीशियन आदि उपलब्ध रहेंगे तथा दूर-दराज के इलाकों में जनता की मांग पर प्राथमिक उपचार, कम्यूनिकेबल एवं नाॅन-कम्यूनिकेबल बीमारियों की स्क्रीनिंग, बेसिक लैब टेस्ट, टीकाकरण आदि सेवाएं तथा दवाइयां मुहैया कराई जाएंगी। इस सेवा से प्रतिदिन 10 हजार से अधिक रोगियों का उपचार अपेक्षित है एवं साल में लगभग 30 लाख रोगियों को इसका लाभ मिल सकेगा। प्रति यूनिट 07 स्टाफ की तैनाती की जाएगी। इस प्रकार लगभग 1200 लोगों को रोजगार मिलेगा।
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