नोटबंदी को ममता ने बताया तुगलकी फ़रमान
नई दिल्ली। नोटों की कमी के कारण परेशानियां बढ़ने के बीच आज संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया। राज्यसभा में नोटबंदी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। वहीं ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला जिसमें कई पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से दखल देने को कहा है। राष्ट्रपति इस देश के वित्त मंत्री रह चुके हैं। वह हालात को अच्छी तरह समझते हैं। ममता ने कहा कि इस मार्च में कश्मीर से उमर भाई, महाराष्ट्र से शिवसेना, गुजरात से हार्दिक पटेल और आप पार्टी से केजरीवाल जी ने मान जी को भेजा है। हम ब्लैकमनी को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं लेकिन आम लोगों को तकलीफ हो रही है। मोहम्मद बिन तुगलक की तरह काम हो रहा है। जांच होना चाहिए कि एकदम से कैसे पैसा जमा होने लगा है। आज मार्केट में सब्जी नहीं, दूध नहीं, कितने लोगों की मौत हुई है। आने वाले दिन में दंगे करवाएंगे ये लोग। भूखे मरवा देंगे सबको। ये कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है। लेफ्ट जब डिसाइड करेगा तब देखा जाएगा लेकिन हम स्थगन प्रस्ताव देंगे।
इस मार्च में शिवसेना भी शामिल हुई। शिवसेना की तरफ से सांसद अरविंद सावंत और गजानंद कीर्तिकर शामिल हुए हैं। इसके अलावा नेशनल कांफ्रेंस से उमर अब्दुल्ला, आप से भगवंत मान मार्च में शामिल हैं। भगवंत मान ने कहा केजरीवाल की तरफ से आया हूं।