गोमती रिवरफ्रण्ट जैसा रिवरफ्रण्ट कहीं नहीं: अखिलेश
मुख्यमंत्री ने गोमती रिवरफ्रण्ट विकास परियोजना, गौस मोहम्मद स्टेडियम का लोकार्पण किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास तथा परियोजनाओं को समय से पूरा करके समाजवादी सरकार ने उदाहरण प्रस्तुत किया है। समाजवादी सरकार ने जनता की परेशानी दूर करने वाले काम किए हैं। सही मायने में यदि किसी सरकार ने काम किया है तो समाजवादी सरकार ने किया है। समाजवादी सरकार द्वारा किए गए विकास और जनकल्याणकारी कामों को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता। राज्य सरकार ने राजधानी लखनऊ सहित हर जिले में किसी न किसी बड़ी एवं महत्वपूर्ण परियोजना पर काम किया है।
मुख्यमंत्री आज यहां गोमती रिवरफ्रण्ट विकास परियोजना तथा गौस मोहम्मद स्टेडियम के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस मौके पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों एवं इंजीनियरों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमती रिवरफ्रण्ट जैसा रिवरफ्रण्ट कहीं नहीं है। यह एक आकर्षक स्थल है। इसमें जल परिवहन की व्यवस्था भी है, जिससे पुराना और नया लखनऊ आपस में जुड़ गए हैं। यह स्थल पत्थरों की तरह बेजान नहीं है, बल्कि हरा-भरा और जीवन्त होगा। बदलते मौसम के साथ यहां पौधों पर अलग-अलग तरह के फूल आएंगे, जिससे यहां की रंगत बदलती रहेगी।
श्री यादव ने कहा कि गोमती रिवरफ्रण्ट विकास परियोजना के तहत ऐसी व्यवस्था की गई है कि लखनऊ शहर के सभी नालों का पानी शोधन के पश्चात ही पुनः नदी में छोड़ा जा सकेगा। इससे शहर का प्रदूषण कम होगा और नदी भी निर्मल बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि गोमती रिवरफ्रण्ट सहित जनेश्वर मिश्र पार्क, लोहिया पार्क, जय प्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र आदि के विकास से प्रदेश की राजधानी एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रही है। इससे पैदा होने वाले रोजगार से लोगों के जीवन में बदलाव आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमती रिवरफ्रण्ट के साथ विकसित किए गए स्टेडियम का नाम देश के मशहूर लाॅन टेनिस खिलाड़ी गौस मोहम्मद के नाम पर रखा गया है। गौस मोहम्मद विम्बल्डन टेनिस प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय थे। इस स्टेडियम में क्रिकेट और फुटबाल दोनों ही खेल खेले जा सकते हैं। स्टेडियम में बैठने के लिए कंक्रीट व हार्ड मैटिरियल का प्रयोग न करके घास और पौधे लगाए गए हैं। यह अपनी तरह का पहला स्टेडियम है। उन्होंने कहा कि बेहतर रख-रखाव के लिए स्टेडियम को खेल विभाग को हस्तान्तरित किया जाएगा।
श्री यादव ने कहा कि विकास और जनता को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत देने के मामले में समाजवादी सरकार को कोई मुकाबला नहीं है। गोमती रिवरफ्रण्ट के विकास, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना जैसी परियोजनाओं के साथ ही, पूरे प्रदेश में सड़क, पुल, एम्बुलेन्स, चिकित्सा की बेहतर सुविधा मुहैया कराई गई है। एम्बुलेन्स सेवा की भांति कम से कम समय में पुलिस की सेवा मुहैया कराने की सुविधा का शुभारम्भ भी शीघ्र ही किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार ने जनता की परेशानी दूर करने और सहूलियत पहुंचाने वाले काम किए हैं। एम्बुलेन्स सेवा, कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना, मेडिकल काॅलेजों, विश्वविद्यालयों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थाओं का निर्माण, लैपटाॅप वितरण, मुफ्त सिंचाई व्यवस्था, कन्या विद्या धन योजना, समाजवादी पेंशन योजना, श्रमिकों को साइकिल वितरण आदि राज्य सरकार के ऐसे ही काम हैं। समाजवादी सरकार के इन कामों से आम जनता का जीवन सरल और बेहतर हुआ है। साथ ही, नौजवानों और भावी पीढ़ी के लिए भी अवसरों के द्वार खुले हैं।
श्री यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सभी को मिलकर काम करना पड़ेगा। समाजवादी कालेधन और भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ हैं। समाजवादी सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया है। प्रदेश सरकार की समाजवादी पेंशन योजना सहित तमाम योजनाओं में तकनीक का इस्तेमाल करके भ्रष्टाचार की सम्भावनाओं पर रोक लगाई गई है।
मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोमती रिवरफ्रण्ट का विकास प्रदेश में विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। पहले ऐसे निर्माण विदेशों में दिखाई देते थे। मुख्यमंत्री की प्रदेश में विश्व की सबसे बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की सोच और कोशिश के नतीजे के तौर पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, गोमती रिवरफ्रण्ट विकास परियोजना, लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना आदि परियोजनाओं का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि वृन्दावन में यमुना और वाराणसी में वरुणा नदियों पर भी रिवरफ्रण्ट के विकास का काम चल रहा है।
प्रमुख सचिव सिंचाई श्री सुरेश चन्द्रा ने बताया कि सामान्यतः रिवरफ्रण्ट के विकास में 4 से 6 साल लग जाते हैं, लेकिन गोमती रिवरफ्रण्ट का विकास केवल 2 साल में किया गया है। इस परियोजना की लागत लगभग 1500 करोड़ रुपए है। यह पूरी तरह से ईको-फ्रैण्डली परियोजना है। परियोजना के तहत एक रबर डैम का भी निर्माण किया गया है, जिससे नदी में पानी का एक निश्चित स्तर बनाए रखा जाएगा और गोमती नदी का उपयोग जल परिवहन के लिए भी हो सकेगा।
कार्यक्रम को बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार आलोक रंजन ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में सिंचाई राज्यमंत्री सुरेन्द्र सिंह पटेल ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्रिगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, गौस मोहम्मद के पुत्र जावेद मोहम्मद सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक व जनसमुदाय उपस्थित था।
ज्ञातव्य है कि गोमती रिवरफ्रण्ट विकास परियोजना के माध्यम से लखनऊ शहर के अन्दर गोमती नदी के दोनों तटों का सौन्दर्यीकरण करके सामुदायिक उपयोग के लिए विकसित किया गया है। परियोजना के तहत गोमती नदी के किनारों पर डायफ्राम वाॅल बनाकर नदी के पानी के बहाव को एक निश्चित रास्ता (वाॅटर-वे) दिया गया है। वाॅटर-वे एवं नदी के बंधे के बीच की उपलब्ध भूमि को सामुदायिक उपयोग के लिए विकसित किया गया है। इसमें साइकिल ट्रैक, जाॅगिंग ट्रैक, वाॅकिंग ट्रैक, किड्स प्ले एरिया के साथ-साथ प्रत्येक 500 मीटर पर पेयजल, टाॅयलेट और पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
साथ ही, वाॅटर-वे में वाॅटर बस के माध्यम से जल परिवहन की व्यवस्था भी की गई है, जो अगले माह से शुरू हो जाएगी। परियोजना के तहत झील का विकास कर म्युजिकल फाउण्टेन, योग स्थल, वेडिंग ग्राउण्ड, 02 हजार लोगों की क्षमता के एम्फी थिएटर का भी निर्माण कराया गया है। परियोजना के तहत लखनऊ शहर के लोगों के मनोरंजन एवं शहरी सुन्दरता के लिए हार्डिंग ब्रिज, गोमती बैराज एवं लोहिया पुल पर आर0जी0बी0 लाइटों का प्रयोग करके इल्यूमिनेशन का कार्य कराया गया है तथा गांधी सेतु पर रंगीन लाइटों के साथ फाउण्टेन लगाया गया है, जो लखनऊ शहरवासियों के लिए सेल्फी प्वाइंट का रूप ले चुका है।