नयी राजस्व संहिता से किसानों को दरवाजे पर ही न्याय मिलेगा: शिवपाल सिंह यादव
लखनऊ : उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक के सभापति शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जब तक किसान विकास नही करेगा तब तक देश एवं प्रदेश में खुशहाली नही लाया जा सकती है। उन्होंने कहा कि जहां किसान खुशहाल है वहां के देश एवं प्रदेश में विकास हो रहा है। श्री यादव ने कहा कि किसानों के जीवन में खुशहाली लाने एवं तरक्की करने के लिए उन्हें सहकारिता से जोड़ना होगा। श्री यादव ने कहा कि सहकारिता की मजबूती में ही किसानों का भला है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को सहकारिता से जोड़ने का प्रयास करें ताकि उनके जीवन को खुशहाल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस समय बैंक लाभ की स्थित में है जबकि 656 करोड़ ऋण दिया गया तथा 1800 करोड़ माफ किया गया है।
श्री शिवपाल सिंह यादव आज उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक, लखनऊ की सामान्य निकाय की बैठक व 63वें सहकारिता सप्ताह का उद्घाटन करने के बाद बैंक की समस्त 323 शाखाओं से आये प्रतिनिधियों, समस्त शीर्ष सहकारी संस्थाओं के सभापति व प्रबन्ध निदेशक गण, शासन, सहकारिता व नाबार्ड के अधिकारियों व अन्य विशिष्टि आमंत्रित अतिथिगणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के हितों को देखते हुए अनेकों लम्बे समय से रूकी परियोजनाओं को चालू किया तथा चार साल के अन्दर ही उन्हें पूर्ण भी कराया है। श्री यादव ने कहा कि बुन्देलखण्ड के साथ ही प्रदेश के अन्य भागों के किसानों को बेहतर सिंचाई संसाधन उपलब्ध कराने के लिए नहरो की सिल्ट सफाई, नये डैम का निर्माण तथा पोखरें एवं तालाबों को गहरा कराके जल को संरक्षित कराने का कार्य कराया गया है।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि किसानों को भटकना न पड़े, उनके दरवाजे पर ही उन्हें न्याय मिले इसीलिए नयी राजस्व संहिता को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि नयी राजस्व संहिता के लागू करने में बहुत सी परेशानियां थी परन्तु उन्हें बहुत कम समय में दूर किया गया। उन्होंने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि अपना दिमाग लोगों के भला करने में लगायें। जनहित के कार्यों में रूकावट न डालें। श्री यादव ने कहा कि कालाबाजारी को तो हर-हाल में रोकना चाहिए, परन्तु ऐसा कोई कदम न उठाया जाये जिससे किसान तथा आम आदमी भूखे मरने लगें। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को छूट दी जाये ताकि वे पुरानी नोट पर खाद्य एवं बीज को खरीद सकें। श्री यादव ने कहा कि किसानों के हितों को देखते हुए आर.बी.आई. के गर्वनर तथा प्रधानमंत्री जी को पत्र प्रेषित किया गया है।
शिवपाल सिंह यादव ने बैंक की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए बैंक के सदस्यों को वर्ष 2013-14 व 2014-15 हेतु 3.75 प्रतिशत लाभ व वर्ष 2015-16 हेतु 2.75 प्रतिशत लाभांश देने की घोषणा की तथा बैंक के सामान्य निकाय की बैठक में विगत तीन वर्षों के संतुलन पत्र लाभ-हानि, बजट, व्यावासायिक क्रियाकलापों व आडिट अनुपालनों को अनुमोदित किया तथा आगामी वर्ष के व्यावसायिक क्रिया-कलापों व बजट का अवलोकन कर स्वीकृति भी प्रदान किया।
बैंक के प्रबन्ध निदेशक श्रीकान्त गोस्वामी द्वारा अवगत कराया गया कि विगत तीन वर्षों में बैंक ने लगातार लाभ अर्जित किया है। बैंक द्वारा प्रदेश के कृषकों हेतु ऋण की पूर्व प्रचलित ब्याजदर में 1 प्रतिशत की कमी कर दी गई तथा सावधि जमा पर भी अन्य बैंकों की तुलना में 0.50 प्रतिशत अधिक ब्याज दिया जा रहा है। बैंक विगत तीन वर्षों में आडिट में ‘ए’ श्रेणी में वर्गीकृत है। बैंक के ऋणी सदस्यों के ऋण खातों में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से ऋण दिया जाना शुरू कर दिया गया है। बैंक कर्मियों को बोनस व ए.सी.पी. की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। इसके अतिरिक्त बैंक कर्मियों हेतु कैशलेस इलाज की सुविधा भी उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है। भविष्य में बैंक द्वारा नई योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जायेगा जिससे प्रदेश के कृषकों को अतिरिक्त स्वरोजगार उपलब्ध हो सकेगा तथा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सकेगा।