“बच्चे कैसी दुनिया चाहते हैं” विषय पर ‘बाल संवाद”
लखनऊ: अवध पीपुल्स फोरम की ओर से प्रेरणा कार्यक्रम के तहत “बच्चे कैसी दुनिया चाहते हैं” विषय पर "बाल संवाद" कार्यक्रम का आयोजन बाल दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर किया गया. प्रेरणा किशोरी विकास केंद्र, सूफियाना, रुदौली में सबा यासीन ने चाचा नेहरू की चिट्ठी पढ़ी और बच्चों ने बाल पेंटिंग बनाकर प्रदर्शनी लगाई. युवा संसाधन केंद्र, सहादत अली की छावनी में हिना बानों ने ‘किशोरियों की दुनिया एवं सपनों’ पर संवाद किया एवं किशोरियों द्वारा सामूहिक पोस्टर मेकिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमे किशोरियों ने अपनी प्रेरणा एवं उमंग को कला के माध्यम से रंगों का प्रयोग करते हुए पोस्टर पर उतारा.
प्रेरणा किशोरी विकास केंद्र, खोजनपुर में मंसूरा परवीन ने ‘इंसान है हम’ विषय पर किशोरियों के साथ संवाद करने के साथ कॉमिक्स राइटिंग कार्यशाला का आयोजन किया. एच.यू.लशकरी एकेडमी, जमुरातगंज, मसौधा में आशीष कुमार ने ‘हमारा बचपन’ विषय पर सामूहिक संवाद और पोस्टर-चार्ट राइटिंग कार्यशाला का आयोजन बच्चों के साथ किया. कार्यशाला के उपरांत बच्चों ने प्रदर्शनी का आयोजन किया. इस पूरी प्रक्रिया में बच्चों ने अपने अनुभव साझा किये और अपने बड़ों को नसीहत भी अपने ही अंदाज़ में कर डाली कि ‘हमें फूल तोड़ने से रोका जाता है पर बड़े लोग खुद पेड़ काटते हैं’ एक और बच्ची ने कहा कि हमारे खेलने के लिए अब मैदान नहीं बचे हैं बड़ों को इसके विषय में भी सोचना चाहिए. ये पूरी प्रक्रिया बच्चों के लिए थी जिसने उन्होंने अपनी बात करते हुए अपने बड़ों के लिए और कई सवाल छोड़े जिनके जवाब उनके पास नहीं थे.
एम. एम. लश्करी एकेडमी, मेहदौना, बरुन बाजार में सिम्मी ने स्कूल के बच्चों के साथ प्रकृतिक भ्रमण (नेचर वॉक) किया. प्रकृतिक भ्रमण के उपरांत बच्चों ने
अपने अवलोकन की प्रस्तुती के दौरान इन्सान का प्रकृति के साथ जुडाव पर अपनी-अपनी बात रखी. दीपक कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम प्रकृतिक भ्रमण में जाना के हमारे आस-पास बहुत कुछ है. फल, अनाज, इधन, जानवर, पानी इनके साथ हमको जीवन जिना चाहिए. इनको नष्ट नहीं करना चाहिए. अशफाक ने कहा कि आज कल हमको धन से पैरा मिलता है, जिसपर सोने से सर्दी नहीं लगती है. जानवर को भी पैरा खिलते है. हमारे गावं में इमली, आम, केला, आलू, बैगन, गोभी, टमाटर, धान, गेहू, लहसुन, गन्ना, मूली, मिर्चा, पपीता, बांस, आदि सब तरह की फसले होती है. हमको ये सोचना है कि कैसे ये सब सभी को लगातार मिलता रहे. कनीज़ फातमा ने कहा कि अजवा की पत्तियों को सुखा कर पथरी का इलाज होता है. नीम से दवा बनती है. इसलिए हमको सभी पेड़-पौधों का महत्व समझना चाहिए.
इस मौके पर फोरम के गुफरान सिद्दीकी ने इस पूरी प्रक्रिया को निर्माण की ओर एक कदम कि संज्ञा देते हुए ऐसी सामूहिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की अपील की उन्होंने कहा कि आज समाज में सामूहिकता की उतनी ही आवश्यकता है जितनी शिक्षा की इसी लिए हमारा प्रयास होता है कि हम समुदाय और संस्थानों में सामूहिक गतिविधियों को लगातार करते रहे इससे सहअस्तित्व की भावना के साथ ही एकता, समानुभूति, समावेश का भी विकास होता है. सभी जगहों पर बच्चों को पुरस्कार वितरण करते हुए बताया कि हमको चाचा नेहरु जैसे स्वतंत्रता सेनानियों और देश समाज के लिए काम करने वालों से हमको सीखना है. नेहरु जी ने अपने मुल्क में सभी के लिए एक बराबर अवसर हो सब मिलकर काम करे, मिलकर तरक्की करे. इस दिशा में सराहनिए काम किया. अलग-अलग स्थानों पर फोरम के वोलेन्टियर के तौर पर हफीज उल्लाह, रुखसार, सविता, अफ़साना बानों, सादिक हसनैन, आफाक आदि शामिल रहे.