सरकारी चिकित्सालयों में पुराने नोट न लेने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई होगी: डा0 शिवाकान्त ओझा
लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा0 शिवाकान्त ओझा ने कहा है कि सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों से पुराने नोट न लेने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश के समस्त सरकारी चिकित्सालयों में 1000 तथा 500 रुपये के नोट पूरी तरह मान्य होंगे। उन्होंने निजी चिकित्सालय से भी इस परिस्थिति में मरीजों के इलाज में संवेदनशीलता का परिचय देने की अपील करते हुए कहा कि निजी चिकित्सालय मरीजों को कार्ड एवं मोबाइल एप के जरिए पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराएं। ताकि मरीजों को अनावश्यक रूप से इधर-उधर भटकना न पड़े। उन्होंने प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरूण कुमार सिन्हा को निर्देश दिए हैं कि किसी भी दशा में पुराने नोटों की वजह से मरीजों के इलाज में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसके लिए तत्काल रणनीति के तहत कार्य किया जाए।
मंत्री ने कहा नयी नगदी की अनुउपलब्धता के कारण लोगांे को भुगतान में दिक्कत हो रही है। वर्तमान आपातकालीन व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिए बैंकों से ताल-मेल कर मरीजों की समस्या का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने जिला अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे स्थानीय स्तर पर सभी बैंकों के प्रतिनिधियों तथा डाकघरों के अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान सुनिश्चित कराएं, ताकि मरीजों को दवा आदि के क्रय में कोई कठिनाई न हो। उन्होंने सभी सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों से आई0डी0 पू्रूफ लेकर पुरानी नकदी पर चिकित्सा सुविधा मुहैयया कराने के सख्त निर्देश दिए है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सरकारी चिकित्सालयों में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट लेने तथा निजी चिकित्सालयों एवं पैथलाजी संेटरों से मरीजों के इलाज में सहयोग प्राप्त करने हेतु दिशा निर्देश जारी कर दिये गये है। उन्होंने बताया कि सी0एम0ओ0 निजी अस्पतालांे से समन्वय स्थापित कर मरीजों की हर सम्भव मदद करेंगे। निजी अस्पतालों को मोबाइल वायलेट एवं यूनीफाइड पेमेंट इन्टरफैसेलिटी एप के माध्यम से मरीजों के खाते से सीधे पैसे ट्रांस्फर करने की व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन निजी अस्पतालों में कार्ड पेमेंट की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं, वहां शीघ्र ही इसकी स्थापना पर बल दिया जाएगा। इन सभी सुविधाओं के सुचारू संचालन और आमजनों को इनके प्रयोग की जानकारी देने लिए एक हेल्प डेस्क बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि मरीजों को सभी आवश्यक जानकारियां एक ही स्थल पर आसानी से उपलब्ध हो सके।