नोटबंदी से थम गया भारत का जनजीवन
थोक मंडियां में आवक ठप, दुकानें बंद महंगी हुई सब्जियां
नई दिल्ली। नोट की चोट से अब सब्जी की भी किल्लत होने वाली है। पैसा नहीं होने पर थोक व्यापारियों ने सब्जी की सप्लाई रोक दी है। जो थोड़ी बहुत दुकान और गोदामों में है उसे ही बेच कर शटर में ताला लगाने का फैसला ले लिया गया है। वजह है दुकानदारी घटकर 25 प्रतिशत रह गई है। उधार न बेचने पर कच्चा माल खराब हो रहा है। अपने ही हाथों से नगद खरीदा गया माल उधार में कब तक लुटाएंगे। इसी के चलते बाहर से माल न मंगाने का फैसला लिया गया है। बाजार के हालात ठीक नहीं होने तक दुकान बंद रखी जाएंगी।
इसका असर अब थोक और रिेटेल बाजार में भी दिखने लगा है। न्यूज 18 इंडिया.कॉम की टीम ने आज सुबह दरियागंज सब्जी मंडी के हालात का जायजा लिया। मंडी में सब्जी के कारोबार से जुड़े कुछ लोगों से बात भी की। व्यापारियों का दावा है कि अगले दो-चार दिन में सब्जी मंडी के हालात खराब होने वाले हैं। मंडी में सब्जी आना बंद हो जाएगी। दुकानदार दुकान नहीं खोलेंगे। यह फैसला दरियागंज सब्जी मंडी में बैठे दुकानदारों ने लिया है।
प्याज के थोक व्यापारी लियाकत का कहना है कि ग्राहकों पर नोट नहीं हैं, अब ऐसे में हम माल किसे बेचें। जो होटल वाले एक हजार रुपये का माल खरीदते थे वो अब 250-300 का भी मुश्किल से ले जा रहे हैं।हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। उधार भी हम कितना बेचेंगे। दूसरी बात ये है कि माल मंगाने के लिए भी रकम चाहिए। ट्रक का भाड़ा भी देना है। बैंक जाओ तो वहां सिर्फ चार हजार रुपये मिल रहे हैं।
अब आप ही बताइए कि क्या चार हजार रुपये में एक ट्रक माल आ जाएगा। 80 हजार रुपये तो भाड़ा लगता है। रिक्शे में सब्जी ढोने वाला रिन्कू भी अपना 80 प्रतिशत तक काम उधारी में कर रहा है। मंडी के नुक्कड़ पर ही टमाटर बेचने वाले युनूस का कहना है कि नोट के चक्कर में उधार भी न बेचें तो टमाटर खराब हो जाएगा। इसलिए जानने वालों को उधार बेच रहे हैं। मंडी की ओर देखें तो चार-पांच दिन पहले के मुकाबले भीड़ बहुत कम है। किसान ने खुद से भी उधारी के चलते सब्जी की सप्लाई रोक दी है।
कारगिल पेट्रोल पंप आगरा के संचालक हाजी इकबाल का कहना है कि जब तक गुंजाइश थी मैंने 1000 और 500 रुपये के नोट लेकर ग्राहकों की सुविधानुसार सामान बेचा। लेकिन अब मुझे थोक बाजार से ही सामान नहीं मिल रहा है तो स्टोर खोलकर क्या करूंगा। स्टोर में चीनी, आटा, तेल और जरूरत का दूसरा सामान खत्म हो चुका है। इसलिए मजबूरी में मुझे स्टोर बंद करना पड़ रहा है।