महागठबंधन का प्रयास सपा का नाटक: मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने रजत जयंती समारोह के बहाने विभिन्न दलों (जनता परिवार) के नेताओं को एक मंच पर लाने के सपा के प्रयास को ‘नाटक’ करार देते हुए कहा कि सपा को वोट देकर अपना वोट खराब ना करे जनता क्योंकि इससे भाजपा को फायदा होगा।
मायावती ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सपा की भाजपा से अंदरूनी मिलीभगत है इसलिए सपा भी भाजपा की तरह अलग थलग पड़ गई है। ऐसे में सपा से तालमेल का मतलब है सीधे भाजपा को मदद करना। अन्य दल इससे सचेत रहें।
उन्होंने बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन बनाने और सपा के उससे अलग होने का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर वर्तमान सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में गुंडे, बदमाशों, भ्रष्ट लोगों, लूट खसोट करने वालों और अराजक तत्वों की फौज खड़ी कर सांप्रदायिकता और जंगलराज कायम नहीं किया होता और जातिवाद एवं क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ की तर्ज पर सरकार चलाई होती तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बेलगाम आपराधिक तत्वों का सहारा लेकर विकास यात्रा नहीं करनी पड़ती।
मायावती ने कहा कि तो सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को अपनी पार्टी की रजत जयंती के मौके पर दूसरी पार्टी के नेताओं को लखनऊ बुलाकर धर्मनिरपेक्ष होने का नाटक नहीं करना पड़ता। अगले विधानसभा चुनाव में किसी अन्य दल से बसपा के चुनावी तालमेल से साफ इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन की पहल करके सपा ने चुनाव से पहले ही एक तरह से हार स्वीकार कर ली है।