चित्रकारी मन के भाव को व्यक्त करने का अच्छा माध्यम है: राम नाईक
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज ललित कला अकादमी, अलीगंज में वाराणसी के कलाकार समूह ‘आनन्द-वन’ द्वारा आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी ‘अंतः दर्शन’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विभिन्न चित्रकला प्रदर्शनियों की संुदर कृतियों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें मूलतः युवा और महिलायें थीं। कार्यक्रम में वरिष्ठ चित्रकार प्रो0 वेदप्रकाश मिश्र, संयोजक प्रो0 एस0 प्रणाम सिंह सहित बड़ी संख्या में चित्रकला प्रेमीजन उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि आनन्द-वन द्वारा अब तक अनेक प्रदेशों में ग्रुप-शो का आयोजन किया जा चुका है। राज्यपाल ने इस अवसर पर अंतः दर्शन पत्रिका का लोकार्पण भी किया।
राज्यपाल ने उद्घाटन के उपरान्त अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि चित्रकारी मन के भाव को व्यक्त करने का अच्छा माध्यम है। ब्रश द्वारा रंग के माध्यम से सहकारिता के आधार पर चित्रकला प्रदर्शनी से चित्रकारों को एकसूत्र में बांधा जा सकता है तथा कलाकारों को ज्यादा लाभ भी मिल सकता है। उन्होंने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहाँ रंग और ब्रश का कमाल देखने को मिला।
श्री नाईक ने कहा कि उनका मानना है कि वह चित्र सबसे अच्छा है जिसको देखने के बाद भाव की व्याख्या न करनी पडे़ बल्कि चित्र स्वयं समझ में आये। चित्रकारी के अनेक आयाम हैं और मार्डन आर्टस को समझने की आवश्यकता पड़ती है। देश इतना विशाल है और यहाँ इतनी विविधता है कि चित्र कला की थीम की कोई कमी नहीं है। चित्र को देखकर मन को प्रसन्नता मिलती है। उन्होंने कहा कि यही प्रसन्नता चित्रकार के लिए समाधान का विषय होता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने छात्र जीवन में बंदर और टोपी वाले का चित्र बनाने के अनुभव को साझा किया।