देश के इतिहास का महत्वपूर्ण जलसा अजमेर में
देश भर से दस हजार से अधिक उलमा के भागीदारी की उम्मीद, तैयारियां जोरों पर
कानपुर । असम, बंगाल, यू0पी0, बिहार, मणिपुर, त्रिपुरा से लेकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कोकणी, दमन, छत्तीसगढ़, बंगलौर, कर्नाटक व मद्रास यानी कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरे देश से दस हजार से अधिक उलमा, मुफ्ती, शेखुल हदीस, साहिबाने निस्बत बुजुर्गोंने दीन विशेषकर मशाईखीने चिश्त और जमीअ़त के कार्यकर्ताओं, मज़ारों के सज्जादगान और विभिन्न मसलकों की प्रमुख हस्तियां विभिन्न सवारियों बसों, ट्रेनों, हवाई जहाज, निजी ग़ाड़ियों से जमीअत उलमा हिन्द के तैनतीसवें अधिवेशन में भाग लेने के लिए ख्वाजा की नगरी मुहब्बत के शहर अजमेर शरीफ पहुंच रहे हैं। जहां मुल्क और मिल्लत के महत्वपूर्ण मुद्दों पर्सनल ला के संरक्षण, मुस्लिम आरक्षण, दंगों के रोकथाम के लिए कानून, बेकसूरों की रिहाई के लिए जारी मुकदमों का विवरण, मुसलमानों के दीन व ईमान का संरक्षण, दीनी संस्थानों की स्थापना, विभिन्न स्थानों पर मुहकमा ए शरियह की स्थापना, दलित मुस्लिम गठबंधन के ठोस रणनीति, राष्ट्रीय एकता, मिल्ली इत्तेहाद, स्कूलों के बच्चों पर विशेष धार्मिक कार्यां को अनिवार्य करने का मौजूदा रवैया का हल, इस्लाम से संबंधित गलतफहमी का निवारण और प्रभावशाली दावत का रणनीति, इस्लामी शिक्षाओं की रोशनी में सामाजिक सुधार, इमारते शरियह हिन्द के तहत मुहकमा ए शरिया का गठन और विस्तार, संगठनी प्रशिक्षण प्रणाली के साथ पूरे विश्व व इस्लाम की स्थिति पर विचार विमर्श करके देश व मिल्लत के लिए सही रास्ता तय करने के साथ मुल्क-मिल्लत के अन्य संवेदनशील मुद्दों पर ऐतिहासिक फैसले किए जाएंगे खासकर मुस्लिम परिवार कानून मुस्लिम पर्सनल ला में किसी भी तरह के हस्तक्षेप और समान नागरिक संहिता लागू करने के संदर्भ में देश के दस हजार से अधिक उलमा और लाखों लोग एक समय विरोध में आवाज बुलंद करेंगे। जमीअम उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारिणी के सदस्य मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी ने इन विचारों को व्यक्त करते हुए बतलाया कि निर्धारित तारीखें 12,13 नवंबर को निर्धारित स्थान पर काईड विश्राम स्थल शहर अजमेर में बड़े पैमाने से युद्ध स्तर पर तैयारियां जारी हैं और दस हजार लोगों के लिए ठहरने का दो दिवसीय व्यवस्था का काम चल रहा है। मौलाना ने प्रांत उत्तर प्रदेश के जिलों के अधिकारियों को एक बार फिर ध्यान दिलाया, समय निकल चुका है इस खबर के बाद आज ही अपनी फाइनल रिपोर्ट केंद्रीय दफ्तर दिल्ली और प्रांतीय कार्यालय लखनऊ को सूचित करें अन्यथा प्रबंधन में समस्या पैदा होगी। मौलाना उसामा ने जमीअत उलमा के कार्यकर्ताओं और जनता से अजमेर के जलसे में भाग लेने के जज्बे को कि हजार हजार, पंद्रह पंद्रह सौ किलोमीटर से बसें करके पहुंच रहे हैं। इस जज़्बे को सलाम करते हुए कहा कि मिल्लत के इस जुनून और जीवन के होते , उनके अधिकारों और उनकी शरीअत पर कोई आक्रमण नहीं कर सकता। जमीअत उलमा ख्वाजा की नगरी से शरीअत की रक्षा को बढ़ावा, मानवता और भाईचारा व प्रेम का संदेश घर-घर, बस्ती बस्ती, गली गली पहुंचेगा । देश के दुश्मन, शांति के दुश्मन शरीयत के दुश्मन, घृणा के प्रचारक तत्व असफल होंगे। यह देश हमेशा से एक रहा है और एक रहेगा इस पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। मौलाना उसामा ने बतलाया कि 12 नवंबर सुबह 8 बजे जमीअत उलमा हिन्द झंडा लहराया जाएगा , 8ः30 बजे से दोपहर तक पहला जलसा होगा। 12 की रात विश्वस्तरीय नातिया मुशायरा होगा जिसमें देश-विदेश के नामी शायर हज़रात फरमा रहे हैं। 13 की सुबह से दोपहर तक तीसरा जलसा जबकि 13 की शाम 4 बजे से खुला सत्र होगा जिसमें 4 लाख लोगों से अधिक की भागीदारी की उम्मीद है आखिर में मौलाना उसामा क़ासमी ने बताया कि अजमेर के मौसम में हल्की ठंडक भी आ गई है इसलिए जाने वाले सभी हज़रात गर्म चादर और कपड़े भी ले लें जिससे उन्हें वहाँ परेशानी का सामना न करना पड़े।