मौत से जंग हार गए अधिवक्ता विजय प्रताप
पुलिस प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन के साथ आत्मदाह करेंगे अधिवक्ता साथी
आसिफ मिर्जा
सुलतानपुर। दीपावली के पहले मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान घायल अधिवक्ता जिन्दगी की जंग हार गया। दीवानी न्यायालय आते समय शार्प शूटरों ने वर्चस्व की जंग में अधिवक्ता को गोली मारकर घायल कर दिया गया था। मौत की खबर पर परिवारीजनों के साथ-साथ जिलेवासियों में भी कोहराम मच गया है।
हत्या की साजिश रचने वाले जेल में निरूद्ध मुन्ना ंिसंह और उसके भाई पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है।
कोतवाली नगर के रामनगर इमिलिया निवासी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह शुक्रवार की सुबह मोटर साइकिल से दीवानी न्यायालय आ रहे थे। कटावां मोड़
के पास पहले से घात लगाकर बैठे दो युवकों ने उन्हे रोकने के बाद उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। गोली लगने से विजय प्रताप विजय प्रताप को जिला
अस्पताल लाया गया था। जहा पर हालत नाजुक होते देख उन्हे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया था। घटना की खबर जब अधिवक्ताओं को लगी तो वह सेैकडा़े की संख्या में इकटठा होकर जिला अधिकारी दफतर से सामने प्रदर्शन करने लगे थे। काफी समझाने-बुझाने के बाद आक्रोशित अधिवक्ता शांत हुए थे। शनिवार की देर रात मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान अधिवक्ता विजय प्रताप ने दम तोड़ दिया। यह खबर जब जिलेवासियों को लगी तो हतप्रभ रह गये। मौत की खबर पर अधिवक्ता भी बिफर गये है। अधिवक्ताओं का कहना है कि अधिवक्ता के परिवार की तीस लाख की आर्थिक सहायता की जाय। पुलिस अधीक्षक का तबादला किया जाय। एसडीएम और सीओ सिटी का तबादला हो। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अरूण उपाध्याय ने चेतावनी दिया है कि यदि उनकी मांग न मानी गयी तो वह आत्मदाह कर लेगे।
शुक्रवार को अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह पर जानलेवा हमला के बाद अधिवक्ताओं ने जिला अधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया था। इस मामले में आठ नामजद समेत 60 अधिवक्ताओं के विरूद्ध नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कि इस प्रकरण में दर्ज मुकदमा आग में पेट्रोल का काम करेगा। लोगो का कहना है कि इस समय पुलिस को सहानभूति के साथ-साथ बदमाशों के खिलाफ कार्यवाही में ध्यान लगाना चाहिए था। लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अपनी परेशानी खुद बढ़ा ली है।
अधिवक्ता विजय प्रताप की हत्या से उनका परिवार टूट चुका है। वर्ष 2008 में विजय के भाई फौजी अजय प्रताप की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गयी
थी। तीन भाईयों में अब कल्लू ही परिवार का सहारा बचा है। भंाजा रवि सिंह पर भी जानलेवा हमला हुआ था। विजय के एक लड़की और एक लड़का है। दोनो अभी नाबालिग है। फौजी का भी इकलौता बेटा नाबालिग है। सारे मुकदमों की पैरवी विजय प्रताप ही कर रहे थे।
नगर कोतवाल आजाद केसरी ने बताया कि पुलिस हत्यारों के करीब है। गिरफतारी के लिए पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच के साथ कई टीम लगी हैं। जल्द ही हत्यारे पकड़े जायेगे।