एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी: फाइनल में भारत-पाक की भिड़ंत
कुआलालंपुर: मलेशिया के कुआंतन में खेले गए एशियन मेन्स हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने दक्षिण कोरिया को पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से हरा दिया और फाइनल में जगह बना ली जहाँ उसका मुक़ाबला चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से होगा जिसने दूसरे सेमी फाइनल में मेज़बान मलेशिया को पेनाल्टी शूट आउट में 3-2 से हराया। गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कोरियाई टीम का आखिरी गोल रोक कर भारत को शानदार जीत दिलाई.
इससे पहले 60 मिनट तक दोनों ही टीमों ने 2-2 गोल किए, जिसकी वजह से मैच का नतीजा पेनल्टी शूट आउट के जरिये तय हुआ. केरल के गोलकीपर श्रीजेश ने पेनल्टी शूटआउट में वैसा ही कारनामा दिखाया, जिसमें वो माहिर माने जाते हैं. पेनल्टी शूट आउट में किसी भारतीय खिलाड़ी से चूक नहीं हुई. बीरेंद्र लाकड़ा के गोल के बदले उन्हें दक्षिण कोरियाई गोलकीपर की गलती की वजह से पेनल्टी स्ट्रोक लेने का मौका दिया गया. रुपिंदर पाल ने कोई गलती नहीं की. पेनल्टी शूट आउट में भारत 5-4 से आगे था. श्रीजेश ने आखिरी गोल रोक कर भारतीय टीम को टूर्नामेंट में तीसरी बार फाइनल तक का सफर करवाया.
हफ्ते भर पहले भारतीय टीम और दक्षिण कोरिया के बीच लीग मैच में कांटे की टक्कर रही थी और दोनों टीमें एक-दूसरे के खिलाफ 1-1 गोल पाई थी. मलेशिया के कुआंतन में खेले गए एशिया हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल मैच में पहला गोल तलविंदर ने अपने रिवर्स शॉट से किया और भारत को 1-0 की बढ़त हासिल हो गई.
21वें मिनट में दक्षिण कोरिया ने एक गोल कर मैच को बराबरी पर ला दिया. हाफ टाइम से ठीक पहले मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर के मौके को टीम इंडिया गोल में बदल नहीं सकी. पहले हाफ़ में मैच 1-1 की बराबरी पर रहा. दूसरे हाफ़ में कोरियाई रक्षापंक्ति ने भारतीय फॉरवर्ड को परेशान किए रखा, लेकिन तीसरे क्वार्टर तक मैच के स्कोर में कोई बदलाव नहीं हो सका. आख़िरी क्वार्टर में कोरिया टीम ने पेनल्टी स्ट्रोक से गोल बनाकर भारत के ख़िलाफ़ 2-1 की बढ़त बना ली. लेकिन रमनदीप को गोल से स्कोर 2-2 की बराबरी पर आ गया और मैच का रोमांच दूना हो गया.
चौथे क्वार्टर तक स्कोर 2-2 की बराबरी पर रहा और मैच का नतीजा पेनल्टी शूट आउट के ज़रिये होना तय हुआ. इस मैच के बाद दोनों टीमों के बीच आंकड़े अब बराबरी पर आ गए हैं. दोनों टीमों के बीच खेले गए 77 मैचों में अब भारत और दक्षिण कोरिया दोनों टीमों के बीच 31-31 जीत दर्ज हो गए हैं, जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे हैं.