सुल्तानपुर में वकील पर जानलेवा हमला
दीवानी आते समय बदमाशों ने मारी गोली, वकीलों में गुस्सा, डीएम ऑफिस के सामने प्रदर्शन
आसिफ मिर्जा
सुलतानपुर। दीवानी न्यायालय आते समय शार्प शूटरों ने अधिवक्ता पर ताबड़तोड़ गोलिया चलायी। गम्भीर रूप से घायल वकील को लखनऊ रेफर कर दिया गया है। घटना से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी दफतर के सामने जमकर बवाल काटा है। घटना के पीछे आठ साल पहले फौजी भाई की हत्या की पैरवी करने की वजह बतायी जा रही है।
कोतवाली नगर के रामनगर इमिलिया निवासी अधिवक्ता अयज प्रताप सिंह शुक्रवार की सुबह मोटर साइकिल से दीवानी न्यायालय आ रहे थे। कटावां मोड़ के पास पहले से घात लगाकर बैठे दो युवकों ने उन्हे रोक लिया। रूकते ही युवको ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से विजय प्रताप घायल होकर गिर पड़े। खून से लतपथ विजय प्रताप को जिला अस्पताल लाया गया। जहा पर हालत नाजुक होते देख उन्हे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। घटना
की खबर जब अधिवक्ताओं को लगी तो वह सेैकडा़े की संख्या में इकटठा होकर जिला अधिकारी दफतर से सामने प्रदर्शन करने लगे। सूचना पर डीएम एसराज
लिंगम, एसपी पवन कुमार मौके पर पहुंच गये। अधिवक्ता कमिश्नर और डीआईजी को मौके पर पहंुच वार्ता करने की जिद पर अड़े रहें। अधिवक्ताओं का कहना था कि अधिवक्ता को आर्थिक सहायता के साथ-साथ सुरक्षा की जिम्मेदारी ली जाय। काफी समझाने-बुझाने के बाद आक्रोशित अधिवक्ता शांत हुए।
घटना के पीछे पुरानी रंजिश बतायी जा रही है। वर्ष 2008 में वर्चस्व की जंग में विजय प्रताप के भाई फौजी अजय प्रताप सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस घटना में गांव में सत्यनारायण सिंह, उनके बेटे महेन्द्र सिंह, अतेन्द्र सिंह, महेश यादव व इसके भाई मुन्नीलाल यादव के विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे की पैरवी भाई विजय प्रताप कर रहे है। करीब पाच माह पूर्व विजय प्रताप की हत्या की साजिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया था। पुलिस ने अधिवक्ता की सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस के जवान तैनात किये गये थे। इस बीच पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था हटा दी थी।
फौजी अजय प्रताप हत्या कांड के बाद विजय प्रताप और सत्यनारायण सिंह केबीच रंजिश गहरा गयी थी। कुछ वर्ष पूर्व इसी सिलसिले में विजय प्रताप के भांजे रवि सिंह को दिनदहाड़े शहर के पंत स्टेडियम के समीप गोली मारकर घायलकर दिया गया था। जिसमें जितेन्द्र प्रताप ंिसंह का भाई राजा बाबू नामजद हुआ था।
जितेन्द्र प्रतान मुन्ना का अपराध जगत में बोलबाला है। जिला बदर होने के बावजूद जिले में होने की वजह से कुछ दिन पहले नगर कोतवाली पुलिस ने गिरफतार कर जेल भेज दिया था, जबकि राजा बाबू सिंह एक मामले में आत्मसमर्पण कर जेल चला गया था। पुलिस के मुताबिक जानलेवा हमले में सत्यनारायण ंिसंह के बेटो का हाथ है।
डीआईजी फैजाबाद ने बताया कि मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर आ रही है। जानलेवा हमला के पीछे जेल में निरूद्ध मुन्ना ंिसह का हाथ है। जल्द ही
सभी आरोपियों को पकड़ लिया जायेगा।