पर्सनल लॉ में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं: मुफ्ती मुकर्रम क़ासमी
कानपूर में ज़ोर शोर से चला हस्ताक्षर अभियान
कानपुर :- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से चलाई जा रही हस्ताक्षर अभियान में सहयोग के लिए जमीअत उलमा नगर कानपुर द्वारा आयोजित आज लॉरी पार्क, नवाब साहब का अहाता पटकापुर में शिविर लगाकर पर्सनल लॉ बोर्ड के कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की घोषणा की। जमीअत उलमा के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सैयद महमूद असद मदनी एवं प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी के निर्देश पर जमीअत के कार्यकर्ताओं व क्षेत्रीय लोगों ने पूरी जिम्मेदारी और उत्साह के साथ भाग लिया। सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक चली इस मुहिम में हजारों पुरूषों-महिलाओं ने अपने हस्ताक्षर करके मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ होने की घोषणा की। इस अवसर पर प्रांतीय जमीअत के कार्यकारिणी सदस्य मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी इमाम मस्जिद नूर पटकापुर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से चलाई जा रहे हस्ताक्षर अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लें इस अभियान में जमीअत उलमा पहले दिन से पर्सनल लॉ साथ है। इस संयुक्त संघर्ष का काफी असर दिख रहा है। मुफ्ती साहब ने स्पष्ट रूप से कहा कि मुसलमान पर्सनल लॉ में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस्लाम दुश्मन ताकतें मुसलमानों में अराजकता पैदा करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के प्रयास करते चले आ रहे हैं। उन्हीं प्रयासों में से एक यह भी है। इसलिए मुसलमान इस मुद्दे पर एकजुट रहें और सभी मस्लकों कि जिम्मेदार इस समस्या को लेकर एकता का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सराहनीय है। मुफ्ती साहब ने कहा कि भारत सरकार मुसलमानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है और समान नागरिक संहिता और अन्य समस्याओं को छेड़कर अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रही है। सरकार मुस्लिम नेताओं और मुस्लिम संगठनों से मालूम करे उन्हें पता चल जाएगा कि मुसलमानों में 99 प्रतिशत पुरूष एंव महिला मुस्लिम पर्सनल लॉ को पसंद करते हैं। ऐसे नाजुक हालात में हर मुसलमान ‘‘ मुस्लिम पर्सनल लॉ’’ के अभियान में भाग लेने को अपनी धार्मिक जिम्मेदारी और ईमान का कर्तव्य समझे। इस अभियान में मौलाना अनवार आलम नदवी, हाफिज मुहम्मद जमालुद्दीन साकिबी, हाफिज मुहम्मद अशरफ, अनवारुल हक उर्फ चांद, राग़िब खान, मलिक रिजवान, शाहिद एडवोकेट, हाजी इम्तियाज़ उर्फ बबलू, मास्टर शौकत अली, मुहम्मद नोमान, आसिम, असलम के अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।