पिता-पुत्र के बीच जो भी आएगा भुगतेगा
अखिलेश ने खुद को बताया मुलायम सिंह का असली उत्तराधिकारी
लखनऊ: समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई आज नए स्तर पर पहुंच गई। यूपी के सीएम अखिलेश ने सख्त फैसला लेते हुए अपने चाचा और वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव सहित नारद राय, ओम प्रकाश, शादाब फातिमा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। इन सभी को प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है। साथ ही उन्होंने अमर सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जो भी पिता-पुत्र के बीच आएगा, वो भुगतेगा।
आज अखिलेश ने पार्टी के विधायकों की बैठक अपने आवास पर बुलाई थी। इस बैठक में 100 से अधिक विधायक शामिल हुए। अखिलेश ने शिवपाल और उनके समर्थक विधायकों को इस बैठक के लिए बुलावा नहीं भेजा था। बैठक में अखिलेश ने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं पार्टी तोड़ने की बात सोच भी नहीं सकता जबर्दस्ती नहीं निकाला जाएगा, समाजवादी पार्टी नहीं छोड़ूंगा। अखिलेश ने कहा "खून के रिश्ते कभी अलग नहीं होते, नेता जी मेरे पिता भी हैं। उन्होंने जो दायित्व दिया उसका पालन किया। कल नेता जी की बैठक में जाऊंगा और पांच नवंबर के कार्यक्रम में भी। क्योंकि मैं ही हूं नेताजी का असली उत्तराधिकारी।
अखिलेश ने अमर सिंह को कोसते हुए कहा कि परिवार और पार्टी में आग उन्होंने ही लगाई है। उनको और उनसे जुड़े लोगों को नहीं छोड़ूंगा। जो लोग अमर सिंह के साथ हैं, उनको मंत्रिमंडल में रहने का अधिकार नहीं।
अखिलेश के इस कदम के बाद शिवपाल समर्थक भड़क गए और सड़क पर उतर आए। इन्होंने अखिलेश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं, अखिलेश समर्थकों ने भी सीएम आवास के बाहर इकट्ठा होकर 'अखिलेश जिंदाबाद' के नारे लगाए।