स्मार्ट सिटी के विकास के लिये जन-भागीदारी आवश्यक : राम नाईक
राज्यपाल ने ‘स्मार्ट सिटीज कान्फ्रेन्स’ का उद्घाटन किया
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज कन्फरडेशन आॅफ इण्डियन इण्डस्ट्रीज द्वारा आयोजित ‘स्मार्ट सिटीज कान्फ्रेन्स’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर इण्डस्ट्रीज के अध्यक्ष अतुल मेहरा, समीर गुप्ता, डा0 प्रेम जैन, उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्मार्ट सिटी जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आयोजन सराहनीय है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत, समर्थ भारत, स्मार्ट सिटी, नमामि गंगे और कौशल विकास की जो योजनाएं हैं, उन पर काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का जो सपना प्रधानमंत्री का है, उसमें हमारे उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 13 शहर शामिल हैं।
श्री नाईक ने कहा कि देश का विकास करना है तो उद्योगों के विकास को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए शहरीकरण के बीच हमें स्मार्ट विलेज पर भी ध्यान देना होगा। उन्होनंे विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस कान्फ्रेन्स में जो चर्चा होगी उसका लाभ लखनऊ के साथ प्रदेश और देश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि विकास पर विचार-विमर्श सभी शहरों के लिये होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी का कार्य पूरा करने के लिये इच्छाशक्ति के साथ जन-भागीदारी भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विकास पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए इसमें केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के साथ सम्बन्धित विभागों के बीच समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटीज के विकास की प्रक्रिया में ग्रामीण क्षेत्र से पलायन भी एक कारण है। रोजगार न होने के कारण गांवों के लोग शहर की ओर पलायन करते हैं। पलायन रोकने के लिये आवश्यक है कि स्मार्ट सिटी में जो उद्योग लगाये जाये वह वहां के किसी एक गांव को गोद लेकर उसे ‘स्मार्ट विलेज‘ बनायें। इस पर भी विचार किया जाना चाहिए।