तहसीलदार,लेखपाल और भूमफिया ने मिलकर हड़पी कर्मचारी नेता की जमीन
लखनऊ। राजधानी में भूूमफियाओं और राजस्व अफसरों का गठजोड़ किसी से छूपा नही है। राजधानी के जवाहर भवन इन्दिरा भवन में कार्यरत लोनिवि के कर्मचारी नेता भी इस गठजोड़ का षिकार हो गया। पीडि़त कर्मचारी नेता विमलेष षर्मा के मुताबिक उसकी खेत की मेड पर पडोसी काष्तकार ने काटछॉट कर आगे बढ़ा लिया था। इस मामले में पीडि़त ने न्यायालय उप जिलाधिकारी/ असिस्टेंट कलेक्टर प्रथम श्रेणी बी.के.टी. यहॉ प्रार्थना पत्र दिया जिस पर पैमाइष का आदेष किया गया। लेकिन जब तहसील आदि पैमाइष के लिए पहुंचे तो पैमाइष न करके पीडि़त की लगभग 430 वर्ग फीट जमीन पर पड़ोसी का अवैध कब्जा करा दिया। विरोध करने पर फर्जी मुकदमें दर्ज कराकर जेल भेजने की धमकी दी। इस मामले में पीडि़त ने मुख्यमंत्री से लेकर सभी जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी लिखित सूचना दी है। इस मामले में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष वषिश्ठ नारायण तिवारी ने बताया कि एक प्रतिनिधि मण्डल जल्द ही जिलाधिकारी से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप कराने तथा न्यायसंगत कार्यवाही की मांग करेगा।
पीडि़त कर्मचारी नेता के मुताबिक उसका मूल निवास इटौजा में है। उसकी भूमि गाटा संख्या 176/0.037 हेक्टेयर ग्राम इटौंजा में है। इस भूमि पर उप जिलाधिकारी बक्षी का तालाब द्वारा 31 जनवरी 15 को मेड़बन्दी कराये जाने का आदेष हुआ था। इस सम्बंध में पीडि़त ने 22 अगस्त 16 को पुनः उक्त मेडबंदी के लिए प्रार्थना प्रस्तुत किया था। इस आवेदन पर उप जिलाधिकारी द्वारा लेखपाल षिव कैलास और कानूनगो मो. वसीम को पैमाइष के आदेष हुआ और उनके द्वारा 17 अक्टूबर 16 को पैमाइष का समय दिया गया। 17 अक्टूबर को पहुंचे लेखपाल और कानून गो ने बिना पैमाइष किए ही प्रापर्टी डीलर पडौसी रहमत अली पुत्र रसूल बक्ष निवासी महीपतमऊ, काकोरी के नम्बर पर व चक रोड़ गाटा संख्या 178 में एकपक्षीय तरीका अपनाते हुए विपक्षी के पक्ष में पैमाईष करते हुए चक रोड़ प्रार्थी के हिस्से में निकाल दिया। इस दौरान सबसे खास बात यह रही कि मौके पर ही प्रार्थी ने जब इसका विरोध किया तो नयाब तहसीलदार ने धमकाया और कहा जो हो रहा है होने दो।वरना इतने मुकदमें लॉद दूगा कि परेषान हो जाओगें। विरोधी पक्ष को अधिकारियों का संरक्षण था इसके चलते विरोधी पक्ष ने रात में ही काम लगाकर निर्माण भी षुरू करा दिया। इस मामले में जब पीडि़त तत्काल उप जिलाधिकारी बक्षी तालाब से मिला तो उन्होंने केवल आवेदन पर अधूरा आदेष लिखा और फोन का बहाना बनाकर निकल गई। पीडि़त का आरोप है कि इस मामले में नायाब तहसीलदार,कानून गो, लेखपाल ने रहमत अली से पैसा लेकर प्रार्थी की जो जमीन 0.037 हेक्टेअर थी उसे घटाकर 0.033 हेक्टयर कर दिया है। अब पीडि़त इस मामले में पहले जिलाधिकारी तथा कार्रवाई न होने पर न्यायालय जाने का मन बना रहा है। हालॉकि इस मामले में कर्मचारी नेताओं के आष्वासन पर पहले पीडि़त जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर सभी तथ्य रखेगा और न्याय की गुहार लगाएगा।