पुलिस सेवाओं में मनोविज्ञान का प्रशिक्षण आवश्यक: मेजर जनरल के.के. ओहरी
एमिटी में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन
लखनऊ: मानव व्यवहार और विकास के मुद्दों पर चर्चा हेतु एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बिहैवोरियल एण्ड एलाइड साइंसेज (एआईबीएएस), एमिटी विवि लखनऊ परिसर द्वारा आयोजित तृतीय दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आज समापन हो गया।
सम्मेलन में देश के दिल्ली, अलीगढ़, पंजाब, इलाहाबाद, बिहार, हरियाणा, वाराणसी और मैसूर आदि जगहों से आए डेढ़ सैकड़ा प्रतिभागियों के साथ ही हंगरी, स्कॉटलैंड, श्रीलंका, जर्मनी, बांग्लादेश, नाइजीरिया, और कनाडा के शोधार्थियों और मनोविज्ञानियों ने शिरत की।
सम्मेलन के दूसरे दिन आज आमंत्रित अतिथियों और बतौर विशेषज्ञ आईजी लखनऊ अमिताभ ठाकुर, ढ़ाका विवि, बंग्लादेश की प्रोफेसर नसरीन वदूद, एसजीपीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग के डा. यूके मिश्रा, बाल्य शल्य चिकित्सक, एसजीपीजीआई डा. पियाली भट्टाचार्या, हिप्नोर्थरेपिस्ट डा. योगेश वर्मा, सेंट मेरी विवि के डा. अनुपम पांडे, लखनऊ विवि के पूर्व वीसी श्री जीबी पटनायक, अलीगढ़ मुस्लिम विवि. के प्रो. अकबर हुसैन और मनोविज्ञान विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नमिता पांडे ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस तृतीय दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मानव व्यवहार और विकास के मुद्दे का आयोजन तकनीकी विकास की पराकाष्ठा के साथ ही मानवीय व्यवहार में मानव मूल्यों के लगातार हो रहे क्षरण पर गम्भीर चर्चा और विचार विमर्श हेतु किया गया था।
एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के प्रति कुलपति सेवानिवृत्त मेजर जनरल के.के. ओहरी (एवीएसएम) ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।
आईजी अमिताभ ठाकुर ने कहा कि, आज के दौर में पुलिस सेवाओं में मनोविज्ञान का प्रशिक्षण आवश्यक हो गया है। एक पुलिसमैन को जिन परिस्थितियों में अपने काम को अंजाम देना पड़ता है उसके कारण उनको मानसिक परेशानियां, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं से दो चार होना आम है। इससे बचाव के लिए उनकों मनोवैज्ञानिक सलाह की अत्याधिक आवश्यकता है।
वहीं डा. यूके मिश्रा ने कहा कि, मानसिक परेशानियां जटिल कार्य वातावरण की उपज होतीं हैं। तनावपूर्ण माहौल में कार्यरत लोगों के लिए संगीत और कला से जुड़ाव औषधि का काम करती है। संगीत मानव शरीर में धनात्मक हारमोन्स के उत्पादन को बेहतर करता है ऐसा कई शोधों के दौरान साबित हुआ है।
सम्मेलन में आज विभिन्न सत्रों के दौरान सतत विकास के लिए सर्वोत्तम अभ्यास, महिला सशक्तिकरण, भावनात्मक विकास, लैंगिक समानता आदि विषयों पर चर्चा व परिचर्चा हुई। सम्मेलन में जहां देश के विभिन्न प्रदेशों से आये प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं, वहीं हंगरी, स्कॉटलैंड, श्रीलंका, जर्मनी, बांग्लादेश, नाइजीरिया, और कनाडा जैसे देशों से भी प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं।
एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बिहैवोरियल एण्ड एलाइड साइंसेज की निदेशिका प्रोफेसर मंजू अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि, सकारात्मक सोच और कार्यां के जरिए हम निश्चित ही विश्व को एक बेहतर दिशा देने में कामयाब होंगें। इस अवसर पर उन्होंने एक वृत्तचित्र का प्रर्दशन भी किया। इसके उपरान्त विभाग के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।