डेंगू के रोगियों के लिए अस्पतालों में आरक्षित होगें बेड: डा0 शिवाकान्त ओझा
डेंगू के अनुश्रवण के लिए महानिदेशक की अध्यक्षता में समिति का गठन
लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा0 शिवाकान्त ओझा ने बताया कि सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रदेश में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों को सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों के उपचार हेतु आवश्यक सुविधाएं तत्काल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राज्य में वृहद स्तर पर डेंगू के प्रसार के कारणों की जांच कराई जा रही है, इसमें जो भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के बड़े चिकित्सालयों में 50-50, जिला चिकित्सालयों में 25-25 तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 5-5 बेड डेंगू, चिकनगुनियां और बुखार से ग्रसित रोगियों के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं।
डा0 ओझा ने बताया कि मलेरिया विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि सभी क्षेत्रों में एन्टी लार्वा के छिड़काव की व्यवस्था प्रभावी रूप से सुनिश्चित की जाए। कस्बों में नियमित रूप से फागिंग करने के भी निर्देश दिए गए हैं। जहां नगर निगम/ नगर पालिका/नगर पंचायत नहीं हैं, वहां स्वास्थ्य विभाग फागिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। यदि क्षेत्रों में फागिंग और एन्टी लार्वा के छिड़काव की शिकायतें मिलती हैं, तो संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हंै कि नगर निगम/ नगर पालिका/नगर पंचायतों से समन्वय स्थापित करके फागिंग की व्यवस्था की जाए।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया है, जो नियमित रूप से डेंगू, चिकुनगुनियां और बुखार का अनुश्रवण करेगी। समिति की यह भी जिम्मेदारी होगी कि अस्पतालों में इन रोगों से ग्रसित मरीजों का समुचित रूप से उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही अस्पतालों में दवाइयों की नियमित उपलब्धता बनी रहे तथा रोगियों को बाहर से दवाइयां क्रय न करनी पडं़े।
डा0 ओझा ने बताया कि डेंगू, चिकुनगुनियां और बुखार आदि की जांच निःशुल्क करने की सरकार ने व्यवस्था की है। अस्पतालों में ही इनकी जांच चिकित्सक कराएंगे और इनके उपचार में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं आने देंगे। उन्होंने बताया कि इन रोगों के अनुश्रवण के लिए नियमित रूप से बैठकें आहूत करने के भी निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए गए हैं। कल 20 अक्टूबर को उन्होंने स्वयं एक बैठक आहूत की है, जिसमें डेंगू के रोकथाम के लिए की गई व्यवस्थाओं आदि की मानीटरिंग की जाएगी।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार डेंगू, चिकुनगुनियां और बुखार के प्रभावी नियंत्रण और रोगियों को बेहतर उपचार सुलभ करान के लिए पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने चिकित्सकों से भी अपेक्षा की कि वे ऐसे समय में अपने दायित्वों का निर्वहन और बेहतर ढंग से करें, ताकि मरीजों को अच्छी से अच्छी सुविधा मिल सके।