भावनाओं के निर्माण में विचारों को योगदान महत्वपूर्ण: डा. पल्लवी भटनागर
एमिटी में हुआ अनियंत्रित भावनाओं पर नियंत्रण हेतु कार्यशाला का आयोजन
लखनऊ: भावनाओं पर नियंत्रण वर्तमान जीवन में गंभीर चुनौती बन चुकी है। तनावपूर्ण माहौल और अनिश्चित वातावरण में मानवमन पर काबू कर पाना अत्यधिक जटिल होता जा रहा है। अक्सर वर्तमान मानसिक समस्याओं की जड़ में भूतकाल की कुंठाए और नकारात्मक विचार जमें होते हैं जिनकी वजह से वर्तमान जीवन में भावनाएं उग्र रुप में सामने आतीं है। इन भावनाओं पर सकारात्मक सोच और कार्यां द्वारा नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
यह कहना है लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्षा एवं प्रवक्ता डा. पल्लवी भटनागर का। डा. पल्लवी एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बिहैवोरियल एण्ड एलाइड साइंसेज, एमिटी विवि लखनऊ परिसर द्वारा आयोजित एक दिवसीय अनियंत्रित भावनाओं पर नियंत्रण हेतु कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित कर रहीं थी।
डा. पल्लवी ने कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि, जीवन में भावनाओं के निर्माण में विचारों को महतवपूर्ण योगदान होता है। सकारात्मक विचार न केवल भावनाओं को सकारात्मक दिशा देने का कार्य करते है बल्कि हमारे कार्यव्यापार में भी इनका प्रभाव परिलक्षित होता है।
डा. पल्लवी ने बताया कि, भूतकाल के हमारे खट्टे मीठे अनुभव इकठ्ठा होते होते भावनाओं का एक गठ्ठर बन जाते है। जिनका प्रभाव वर्तमान जीवन पर पड़ता है। मानव मन इस भूतकाल के अनुभव जन्य भावनाओं के परिवर्तन के पति प्रतिरोधात्मक रवैया बना लेता है जिससे स्थिति और जटिल हो जाती है। डा. पल्लवी के अनुसार जीवन में सकारात्मकता को बढ़ाना और स्वस्थ माहौल तैयार करके नकारात्मक अनुभवों को भी सकारात्मक भावनाओं के निर्माण के लिए उपयोग किया जा सकता हैं
डा. पल्लवी विगत 30 वर्षां से इस ़क्षेत्र में शोध एवं अध्यापन से जुड़ी हुईं हैं। यह कार्यशाला 20 अक्टूबर को विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीसरे अंर्तराष्ट्रीय कान्फ्रेंस से जुड़े हुए कार्यक्रमों की श्रंखला में से था। एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बिहैवोरियल एण्ड एलाइड साइंसेज इस वर्ष मानव व्यवहार और विकास की चुनौतियां विषय पर गुरुवार को अंर्तराष्ट्रीय कान्ॅफ्रेंस का आयोजन कर रहा है।