भारत और रूस के बीच कई बड़े रक्षा सौदे
दोनों देशों ने एकजुट होकर आतंकवाद की बुराई से लड़ने का संकल्प लिया
भारत और रूस ने मिसाइल प्रणालियों, जंगी जहाजों की खरीद और हेलीकॉप्टरों के संयुक्त उत्पादन सहित कई बड़े रक्षा सौदों पर शनिवार को हस्ताक्षर किए। इसके अलावा दोनों देशों ने कई सारे अहम क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने पर फैसला किया और एकजुट होकर आतंकवाद की बुराई से लड़ने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई मुद्दों पर वार्ता की। इनमें समूचे द्विपक्षीय संबंध पर वार्ता शामिल हैं। इसके बाद दोनों देशों ने व्यापार एवं निवेश, हाइड्रोकार्बन, अंतरिक्ष तथा स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में संबंध मजबूत करने के लिए 16 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। दोनों नेताओं ने कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की इकाई दो को भी समर्पित किया और इसकी यूनिट 3 एवं चार की आधारशिला रखे जाने को देखा।
रक्षा सौदों में भारत का पांच अरब डॉलर से अधिक की लागत से एस 400 ट्रिफ वायु रक्षा प्रणाली की खरीद शामिल है। दोनों देश चार अत्याधुनिक जंगी जहाज बनाने में सहयोग भी करेंगे। इसके अलावा कामोव हेलीकॉप्टर बनाने का संयुक्त उत्पादन प्रतिष्ठान भी स्थापित करेंगे। पुतिन की मौजूदगी में मीडिया के सामने एक बयान पढ़ते हुए प्रधानमंत्री ने सीमा पार से आतंकवाद से लड़ने में भारत की कार्रवाइयों का समर्थन किए जाने को लेकर रूस की सराहना की।
मोदी ने कहा, हम हमारे समूचे क्षेत्र के लिए खतरा पेश करने वाले सीमा पार से आतंकवाद के खिलाफ हमारी कार्रवाइयों के प्रति रूस की समक्ष और समर्थन की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, हम दोनों आतंकवादियों और उनके समर्थकों से निपटने में तनिक भी बर्दाश्त नहीं करने की जरूरत दोहराते हैं। वहीं, पुतिन ने कहा कि दोनों देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने में करीबी सहयोग किया है। मोदी ने कहा कि बैठक के अत्यधिक सार्थक नतीजे स्पष्ट रूप से दोनों देशों के बीच विशेष प्रकति की रणनीतिक साक्षेदारी को स्थापित करते हैं।
उन्होंने ने कहा कि उन्होंने आने वाले बरसों में रक्षा और आर्थिक संबंध मजबूत करने के लिए भी आधारशिला रखी। कामोव 226 टी हेलीकॉप्टरों के विनिर्माण, जंगी जहाजों के निर्माण और अन्य डिफेंस प्लेटफार्मों के निर्माण पर समक्षौते भारत की प्रौद्योगिक एवं सुरक्षा प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं। दोनों देशों ने एस 400 ट्रिंफ लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए एक अंतर सरकारी समक्षौते पर हस्ताक्षर भी किए। यह दूसरी ओर से आने वाले शत्रु के विमान, मिसाइलों और यहां तक कि 400 किमी दूर तक ड्रोन विमानों को भी मार गिराने में सक्षम हैं। एक अन्य अहम सौदा चार एडमिरल ग्रिगोरोविच श्रेणी (प्रोजेक्ट 11356) निर्देशित मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेटस के लिए है।
पीएम मोदी ने कहा कि वे एक सालाना सैन्य औद्योगिक सम्मेलन पर काम करने के लिए राजी हुए हेैं जो दोनों देशों के हितधारकों को सहयोग बढ़ाने की इजाजत देगा। उन्होंने कहा, हम एक साक्षेदारी तैयार करना चाहते हैं जो हमारी साक्षा महत्वाकांक्षा को फायदा पहुंचाए और 21 वीं सदी के लिए हमारे साक्षा लक्ष्यों को पूरा करे। उन्होंने कहा, हमारी करीबी दोस्ती ने हमारे संबंधों को स्पष्ट दिशा, नयी उमंग, मजबूत गतिशीलता और समद्ध विषय वस्तु दी है। परमाणु उर्जा क्षेत्र में सहयोग पर उन्होंने कहा कि कुडनकुलम 2 को समर्पित किया जाना और कुडनकुलम 3 तथा 4 की आधारशिला रखा जाना इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग का स्पष्ट नतीजा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, और अन्य आठ रिएक्टरों के प्रस्तावित निर्माण से, परमाणु उर्जा में हमारा व्यापक सहयोग हम दोनों को काफी लाभ पहुंचाने वाला है। यह उर्जा सुरक्षा, उच्च प्रौद्योगिकी तक पहुंच और व्यापक स्थानीयकरण तथा भारत में विनिर्माण की हमारी जरूरत पर उपयुक्त बैठेगा।रूस के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में भारत की विस्तारित मौजूदगी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले सिर्फ चार महीनों में ही भारतीय कंपनियों ने इस देश के तेल एवं गैस क्षेत्र में 5़ 5 अरब डॉलर के करीब निवेश किया है।
उन्होंने कहा, और राष्ट्रपति पुतिन के समर्थन से हम अपने संबंध का दायरा फैलाने को तैयार हैं। हम दोनों देशों के बीच एक गैस पाइपलाइन बिछाने के लिये उसके मार्ग के बारे में एक संयुक्त अध्ययन भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, गहन असैन्य परमाणु सहयोग, एलएनजी स्रोत, तेल एवं गैस क्षेत्र में साक्षेदारी और नवीकरणीय उर्जा में साक्षेदारी दोनों देशों के बीच एक उर्जा सेतु का निर्माण कर सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग स्थापित करने को भी राजी हुए।
उन्होंने कहा, इसके जरिए हमारा समाज विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त विकास, अत्याधुनिक प्रौद्योगीकियों का हस्तांतरण और साक्षेदारी का फायदा उठाएगा। व्यापारिक संबंधों पर मोदी ने कहा कि दोनों देश आर्थिक संबंध को विस्तारित, विविध और मजबूत करना जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा, हमारे दोनों देशों के बीच कारोबार एवं उद्योग आज कहीं बेहतर तरीके से जुड़ा हुआ है। व्यापार एवं निवेश संबंध आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के समर्थन से हमें आशा है कि यूरेशियाई आर्थिक संघ मुक्त व्यापार समक्षौते में तेजी आएगी।