दशहरा-मुहर्रम पर हुई साम्प्रदायिक हिंसा सपा-भाजपा गठजोड़ का नतीजा: रिहाई मंच
लखनऊ: रिहाई मंच ने यूपी में प्रतिमा विसर्जन व ताजियों के जुलूस के दौरान बहराइच, सीतापुर, फैजाबाद, रायबरेली, गोण्डा, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, कुशीनगर, देवरिया, मुरादाबाद में हुए सांप्रदायिक हिंसा को पूर्वनियोजित करार दिया है। मंच ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से वादे के मुताबिक सांप्रदायिक हिंसाग्रस्त इन जिलों के डीएम और एसपी को तत्काल निलम्बित कर जेल भेजने की मांग की है। रिहाई मंच सांप्रदायिक हिंसाग्रस्त जिलों का दौरा करेगा। मंच ने नवंबर माह में भाजपा की परिवर्तन यात्रा को दंगा यात्रा करार देते हुए अखिलेश यादव से तत्काल इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा कि जिस तरह से बहराइच, सीतापुर, फैजाबाद, रायबरेली, गोण्डा, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, कुशीनगर, देवरिया में हुए सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं ने साबित किया है कि पश्चिमी यूपी के बाद अवध और पूर्वी यूपी को भाजपा ने सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने का पूरा खाका तैयार कर लिया है। आगामी विधान सभा चुनावों के मद्देजर सांप्रदायिक हिंसा के लिए भाजपा व सपा पर गठाजोड़ का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जब कहते हैं कि सांप्रदायिक हिंसा हुई तो डीएम-एसपी जेल जांऐगे तब उन्हें किसने रोका है यहां के डीएम-एसपी को जेल भेजने से। उन्होंने सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर नवंबर 2012 में दशहरे के दौरान फैजाबाद सांप्रदायिक हिंसा के दोषियों वर्तमान भाजपा सांसद लल्लू सिंह, भाजपा विधायक रामचन्द्र यादव जैसों पर कार्रवाई न करके सरकार ने दंगाईयों का मनोबल बढ़ाया है। उन्होंने सपा सरकार पर भाजपा के सहयोग से साझी विरासत के त्योहारों को दंगों के अवसर में तब्दील कर दिया है।
राजीव यादव ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मोहर्रम के दिन ही भंडारा कराकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश करने वाले कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह पर क्यों नहीं मुकदमा दर्ज कर अब तक जेल भेजा गया। इसका जवाब अखिलेश यादव को देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सांप्रदायिक एजेंण्डे को सूबे की हर विधानसभा तक ले जाने के लिए नवंबर माह में गुजरात से तड़ीपार रहे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में परिवर्तन यात्रा करने जा रही है। अगस्त 2013 में फैजाबाद में पंच कोसी परिक्रमा के बहाने जिस तरह से सांप्रदायिक तनाव पैदा किया गया जिसकी परिणति मुजफ्फरनगर हुई वैसे ही षडयंत्र को फिर से यूपी में दोहराया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि अखिलेश सरकार तत्काल भाजपा की इस यात्रा को प्रतिबंधित कर जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करे।
विज्ञप्ति में रिहाई मंच लखनऊ महासचिव शकील कुरैशी ने बताया कि 13 अक्टूबर को मूर्ती विसर्जन के दौरान फखरपुर थाना क्षेत्र के ततेहरा गांव में हुए सांप्रदाहिंक हिंसा के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के 39 से अधिक आशियानों में आगजगी की गई जिसमें छह साल की बच्ची सोनी जिंदा जल कर मर गई। उन्होंने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हुए इस सांप्रदायिक हिंसा के लिए तत्काल एसपी सालिगराम वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि बहराइच के नानपारा में बुधवार की रात अफवाह के चलते, बलरामपुर के महादेइया बाजार में, रामपुर मुरार तथा पचपेड़वा थाना क्षेत्र के कुसमहर गांव में, गोण्डा में 11 अक्टूबर को स्टेशन रोड पर महरानीगंज घोसियाना में, फैजाबाद नगर कोतवाली क्षेत्र में 12 अक्टूबर को बहादुरगंज में, पटरंगा थाना क्षेत्र के खंड पिपरा गांव में, रायबरेली में डीहकेहरोखा गांव में 12 अक्टूबर को, सीतापुर के हरगांव में जोशीटोला में, रेउसा के डिहवां नेवदा गांव में तीन मकान में आगजनी, सुल्तानपुर के चांदा में, श्रावस्ती के मल्हीपुर के जमुनहीं गांव में 13 अक्टूबर को, देवरिया के लार थाना क्षेत्र के लार कस्बे में 13 अक्टूबर को रात 9 बजे, कुशीनगर में कुबेर स्थान थाना क्षेत्र के बतरौली थाना क्षेत्र में 13 अक्टूबर को दोपहर बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा में 7 दुकानों, 5 घरों में आगजनी हुई। वहीं मुरादाबाद के बेलारी थाना क्षेत्र के सतारन गांव में बुधवार को सांप्रदायिक हिंसा हुई।