क्या मोदी मुसलमानों के पीएम नहीं ?
वेंकय्या के बयान पर फिरंगी महली का जवाब
नई दिल्ली । दिनोदिन गर्माते तीन तलाक के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के बयान कि पीएम मोदी का इस मामले में नाम न लें, के बाद सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली का जवाब आया है। उनका कहना है कि वो मना कर दें कि नरेंद्र मोदी मुसलमानों के प्रधानमंत्री नहीं हैं। अगर ऐसा है तो हम इस मामले में पीएम मोदी का नाम लेना बंद कर देंगे। फिरंगी का कहना है कि देश के संविधान ने हमें धर्म की आजादी दी है। उसमें किसी भी तरह की दखल अंदाजी न की जाए।
मालूम हो कि बीते कुछ समय से तीन तलाक को लेकर मुस्लिम संगठनों और सरकार के बीच तनातनी जारी है। कल ये तनातनी उस समय और बढ़ गई जब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर ये आरोप मढ़ दिया कि वो जानबूझ कर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए देश में यूनीफॉर्म सिविल कोड लागू करने की कोशिश कर रही है। वो इसका विरोध करेंगे। तीन तलाक पर उन्हें सरकारी रवैया बिलकुल स्वीकार नहीं है।
मौलाना फिरंगीमहली ने कहा कि हमारा किसी से कोई विरोध नहीं है। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि जिस तीन तलाक के देश में एक फीसदी से भी कम मामले हैं, उसे तूल न दिया जाए। देश में उसे हौवा बनाकर न पेश किया जाए। एक महिला संगठन ने इस मामले में फर्जी आंकड़े पेश किए हैं, जिसे देश सच मान रहा है।
तीन तलाक से महिलाओं का उत्पी ड़न हो रहा है, ये मानने को मौलाना कतई राजी नहीं हैं। वो कहते हैं कि किसी का कोई उत्पीाड़न नहीं हो रहा है। ये शरीयत का मामला है। वो सवाल करते हैं कि निकाह भी तो तीन बार कुबूल बोलने पर हो जाता है। अब क्या आप इस पर भी सवाल उठाएंगे? अगर उन्हें लगता है कि यह महिलाओं का उत्पीपड़न है तो हर घंटे में दहेज के लिए एक महिला का कत्ल हो जाता है। हमारा देश दुनिया के विकसित देशों की लिस्ट में 97वें नंबर पर आता है। देश के बच्चे कुपोषण से मर रहे हैं। 15 फीसदी आबादी भूखी सो रही है। इस तरफ तो कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यह क्यों नहीं देख रही है सरकार?
फिरंगी महली ने कहा कि यह पूरा मामला ही गलत उठाया गया है। शबनम बानो को उसका शौहर परेशान करता था। शारीरिक और मानसिक रूप से उसका उत्पी ड़न करता था, तो ऐसे हालात में उसके शौहर को कानूनी दफाएं लगाकर जेल में भेजना चाहिए। यहां तलाक की तो बात ही नहीं आती है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के सवाल पर उन्होंनने कहा कि यह तो देश में मुमकिन ही नहीं है। बात सिर्फ मुसलमानों की ही नहीं, सिख और ईसाइयों की भी है। क्या अपने पति के लिए करवाचौथ का व्रत रखने वाली पत्नी का पति भी करवाचौथ का व्रत रखेगा। यह तो किसी भी हाल में मुमकिन ही नहीं दिख रहा है।
सरकार इस मुद्दे पर कड़ाई के साथ डटी हुई है। सरकार के मंत्रियों की ओर से भी बयान आ रहे हैं। अगर सरकार इसे लागू करती है तो आप क्या करेंगे? इस सवाल पर फिरंगी महली ने कहा कि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है। हमारे संगठन ने कोर्ट में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा है। अगर इसके बाद भी इसे लागू करने की कोशिश की जाती है तो हम कानून के दायरे में रहकर हर जायज विरोध करेंगे। देशभर का मुसलमान सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन करेगा। हम पहले भी सड़क पर उतरे थे और एक बार फिर से सड़क पर उतरेंगे।