पुस्तक मेले हमारी ज्ञान की विरासत को आगे बढ़ाते हैं: वाणी वंदना
मोतीमहल लान में ‘गागर में सागर’ पुस्तक मेला शुरू
लखनऊ। पुस्तक मेले लखनवी संस्कृति की आत्मा स्वरूप इस शहर के इंस्टीट्यूशन बन गए हैं। अपने लेखन या पुस्तक के माध्यम से सर्जनात्मक अनुशासन में बंधा लेखक जो सृजन करता है वह उसे पढ़ने वालों को नया नजरिया या सबक सरीखा होता है।
ये विचार राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह ने यहां राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लॉन में पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। आधी आबादी को समर्पित पुस्तकों का अभिनव 10 दिवसीय आयोजन ‘गागर में सागर‘ आज से प्रारम्भ हो गया। यहां 23 अक्टूबर तक नित्य सुबह 11 से रात नौ बजे तक चलने वाले इस मेले में पुस्तकों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी और प्रवेश निःशुल्क रहेगा। कल से मेले में साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजनों के साथ ही बाल और युवा प्रतियोगिताओं का दौर भी प्रारम्भ हो जाएगा।
गीतिका वेदिका की वाणी वंदना से प्रारम्भ और पदमकान्त के संचालन में चले उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित भाषाविद उषा सिन्हा ने कहा कि पुस्तक मेले हमारी ज्ञान की विरासत को आगे बढ़ाते हैं। लेखिका मधु चतुर्वेदी ने सफदर हाशमी की कविता ‘किताबें कुछ कहना चाहती हैं…..’ के हवाले से कहा कि ये सुखद है कि संचार क्रान्ति और इंटरनेट की चुनौतियों के बीच पुस्तक मेले यहां नियमित हो रहे हैं। व्यंग्यकार सर्वेश अस्थाना ने कहा कि ऐसी नई अवधारणा के पुस्तक मेले उन्हांने विदेशों में देखे हैं। संरक्षक मुरलीधर आहूजा ने इसे ज्ञान बांटने का आयोजन बताया जबकि राजकुमार छाबड़ा ने आह्वान किया कि शुभ अवसरों पर अन्य उपहारों की जगह किताबें भेंट में दें। कार्यक्रम में पहले अतिथियों का स्वागत और फिर आभार व्यक्त करते हुए आयोजक देवराज अरोड़ा ने अपने गागर में सागर पुस्तक मेले का विशिष्ट प्रारूप के बारे में बताया कि पुस्तक संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए इसे इस प्रकार तैयार किया है कि बडे़ प्रकाशकां के साथ-साथ छोटे प्रकाशकां को भी मेले में लाभ मिल सके और नुकसान की सम्भावनाएँ न रहें। उन्होंने कहा कि सतत् प्रयास और नई अवधारणा का ही नतीजा है 14 वर्षों की परम्परा में पहली बार जनचेतना, नेशनल बुक ट्रस्ट, प्रथम बुक्स ,दीपशिखा प्रकाशन, बोधि प्रकाशन, इण्डियन मैप सर्विस, सस्ता साहित्य मंडल, केन्द्रिय ललित कला अकादमी, वाओ पब्लिकेशन, जैसे कई नये प्रतिभागी प्रकाशन इस मेले में आए हैं। उन्होंने बताया कि अगले चरणां में ऐसे पुस्तक मेले जिला मुख्यालयों और फिर ब्लाक स्तर पर आयोजित करने का इरादा है किन्तु, इन मेलों को प्रशासन, ब्लाक प्रमुख, ग्राम प्रधानों आदि के सहयोग जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि नॉलेज हब के नारी शक्ति पर केन्द्रित इस आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली अन्य महिलाओं का सम्मान भी होगा। इसके अतिरिक्त अमन प्रकाशन, ओशो, साहनी डिक्शनरी, किताबघर, डायमण्ड, राजपाल एण्ड संस, हिन्द पाकेट बुक्स, पी.एम. पब्लिकेशन, वाणी प्रकाशन, साहित्य भण्डार, पुस्तक महल, यूनिकार्न, राजा बुक पाकेट, तिरुमाला साफ्टवेयर, स्कालर हब, ग्रॉलियर, हिन्दी माध्यम कार्यान्वयन दिल्ली विश्वविद्यालय, योगा इस्टीट्यूट गाजियाबाद, निखिल पब्लिशर्स, संत निरंकारी मण्डल, साहित्य भण्डार आगरा, गिडसन, मंजुल प्रकाशन, प्रभात प्रकाशन आदि के स्टाल भी हैं। पुस्तक मेले में स्थानीय लेखकों के लिए अलग से निःशुल्क स्टाल की व्यवस्था है। मेले में 19 अक्टूबर को मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब की ओर से अभिनेता राजबब्बर को आमंत्रित किया गया है।
साहित्यिक कार्यक्रमां की शृंखला में वरिष्ठ साहित्यकार शिवमूर्ति, महेन्द्र भीष्म, डॉ.अमिता दुबे सहित वैष्णवी अवस्थी, अर्चना प्रकाश, शीला शर्मा, वी.सी. राय, अजय अग्रवाल आदि की पुस्तकों के लोकार्पण होंगे। विशिष्ट कार्यक्रमों में साहित्यकार शिरोमणि सम्मान एवं शतरूपा सम्मान सहित मुद्रा राक्षस, मलिक जादा मंजूर अहमद की स्मृति में मुशायरा सम्मिलित है। अध्यात्मिक विचारधारा और युवा विषय पर गम्भीर चर्चा और निरंकारी सत्संग का भी आयोजन है। बच्चों की प्रतियोगिता संयोजक ज्योति किरन रतन के संयोजन में कल तीन बजे से नित्य डांस, ड्राइंग, गायन, बेबी शो, फैंसी ड्रेस, श्लोक वाचन, काव्य पाठ, अंताक्षरी, शंख वादन, क्विज आदि की प्रतियोगिताएँ बाल व नवयुवा मंच पर होंगी। कवि सम्मेलन-मुशायरे व मनोरंजक साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम हर शाम का आकर्षण होंगे।