उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन
उच्च रक्तचाप से दिल की बीमारी, स्ट्रोक और यहां तक कि गुर्दे की बीमारी होने का भी खतरा रहता है। उच्च रक्तचाप के लिए मेडीकल पर बहुत ज्यादा भरोसा करना सही है, इससे आप ठीक भी हो जाएंगे, लेकिन अधिक समय तक यह उपचार लाभकारी नहीं होता है। जब तक आप दवा खाते रहेगें, तब तक आराम रहेगा। बाजार में उच्च रक्तचाप के लिए कई दवाईयां उपलब्ध हैं, जो हाई ब्लड़ – प्रेशर को कंट्रोल कर लेती है लेकिन ज्यादा दवाई खाना भी सेहत के घातक है, एक समय के बाद दवाईयों का असर धीमा पड़ने लगता है। इसलिए उच्च रक्तचाप के मामले में हर्बल उपचार भी लाभकारी होता है।
कई जड़ी – बूटियों / पारंपरिक चिकित्सा
1) लहसुन – लहसुन उन रोगियों के लिए लाभकारी होता है जिनका ब्लड़प्रेशर हल्का सा बढ़ा रहता है। ऐसा माना जाता है कि लहसुन में एलिसीन होता है, जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन हो बढ़ाता है और मांसपेशियों की धमनियों को आराम पहुंचाता है और ब्लड़प्रेशर के डायलोस्टिक और सिस्टोलिक सिस्टम में भी राहत पहुंचाता है।
2) सहजन – सहजन का एक नाम ड्रम स्टीक भी होता है। इसमें भारी मात्रा में प्रोटीन और गुणकारी विटामिन और खनिज लवण पाएं जाते है। अध्ययन से पता चला है कि इस पेड़ के पत्तों के अर्क को पीने से ब्लड़प्रेशर के सिस्टोलिक और डायलोस्टिक पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसे खाने का सबसे अच्छा तरीका इसे मसूर की दाल के साथ पकाकर खाना है।
3) आंवला – परम्परागत तौर पर माना जाता है कि आंवला से ब्लड़प्रेशर घटता है। वैसे आंवला में विटामिन सी होता है जो रक्तवहिकाओं यानि ब्लड़ वैसेल्स को फैलाने में मदद करता है और इससे ब्लड़प्रेशर कम करने में मदद मिलती है। आवंला, त्रिफला का महत्वपूर्ण घटक है जो व्यवसायिक रूप से उपलब्ध है।
4) मूली – यह एक साधारण सब्जी है जो हर भारतीय घर के किचेन में मिलती है। इसे खाने से ब्लड़प्रेशर की बढ़ने वाली समस्या का निदान संभव है। इसे पकाकर या कच्चा खाने से बॉडी में उच्च मात्रा में मिनरल पौटेशियम पहुंचता है जो हाई – सोडियम डाईट के कारण बढ़ने वाले ब्लड़प्रेशर पर असर ड़ालता है।
5) तिल – हाल ही के अध्ययनों में पता चला है कि तिल का तेल और चावल की भूसी का तेल एक शानदार कॉम्बीनेशन है, जो हाइपरटेंशन वाले मरीजों के ब्लड़प्रेशर को कम करता है। और माना जाता है कि ब्लड़प्रेशर कम करने वाली दवाईयों से ज्यादा बेहतर होता है।
6) फ्लैक्ससीड या अलसी – फ्लैक्ससीड या लाइनसीड में एल्फा लिनोनेलिक एसिड बहुतायत में पाया जाता है जो कि एक प्रकार का महत्वपूर्ण ओमेगा – 3 फैटी एसिड है। कई अध्ययनों में भी पता चला है कि जिन लोगों को हाइपरटेंशन की शिकायत होती है उन्हे अपने भोजन में अलसी का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बहुत ज्यादा नहीं होती है और ब्लड़प्रेशर भी कम हो जाता है।
7) इलायची – बायोकैमिस्ट्री और बायोफिजिक्स के एक भारतीय जर्नल में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया जिसमें बताया गया कि बेसिक हाइपरटेंशन के 20 लोग शामिल थे, जिन्हे 3 ग्राम इलायची पाउडर दिया गया। तीन महीने खत्म होने के बाद, उन सभी लोगों को अच्छा फील हुआ और इलायची के 3 ग्राम सेवन से उनको कोई साइडइफेक्ट भी नहीं हुआ। इसके अलावा, अध्ययन में यह भी बताया गया कि इससे ब्लड़प्रेशर भी प्रभावी ढंग से कम होता है। इससे एंटी ऑक्सीडेंट की स्थिति में भी सुधार होता है जबकि इसके सेवन से फाइब्रिनोजेन के स्तर में बिना फेरबदल हुए रक्त के थक्के भी टूट जाते है।
8) प्याज – प्याज में क्योरसेटिन होता है, एक ऐसा ऑक्सीडेंट फ्लेवेनॉल जो दिल को बीमारियों से अटैक पड़ने बचाता है।
9) दालचीनी – दालचीनी केवल इंसान को केवल दिल की बीमारियों से नहीं बल्कि डायबटीज से बचाता है। ओहाई के एप्लाईड हेल्थ सेंटर में 22 लोगों पर अध्ययन किया गया, जिनमें से आधे लोगों को 250 ग्राम पानी में दालचीनी को दिया गया जबकि आधे लोगों को कुछ और दिया गया। बाद में यह पता चला कि जिन लोगों ने दालचीनी का घोल पिया था, उनके शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा अच्छी थी और ब्लड सुगर भी कम थी।