देश का विकास मूल्य आधारित शिक्षा पर निर्भर: जलालुद्दीन उमरी
इंटरनेशनल इस्लामिक अकेडमिक कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ
नई दिल्ली। स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इंडिया की ओर से इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटरए नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आज शुभारंभ हुआ। इस कॉन्फ्रेंस में विश्व प्रसिद्ध बुद्धिजीवी तथा शोधार्थी सम्मिलित हुए। मौलाना सय्यद जलालुद्दीन उमरी (अमीरए जमाअत.ए.इस्लामी हिन्द) ने आरंभिक सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें इस बात की अत्यंत प्रसन्नता कि हमारे देश भारत के सबसे बड़े छात्र संगठनों में से एक एसआईओ ने शिक्षा की उन्नति को लेकर ख़ास तवज्जो के साथ इस कॉन्फ्रेंस को आयोजित किया तथा इसके लिए पारंपरिक तथा आहुनिक विषयों का चयन किया। इस कॉन्फ्रेंस में जो ज्ञानवर्धक चर्चाएं होंगी उससे सम्पूर्ण छात्र.जाति तथा मानवता को अत्यधिक लाभ होगा तथा अनुसंधान के लिए नए विषय सामने आएंगे। मौलाना उमरी ने आगे कहा कि यह इस दुनिया का कानून है कि जो क़ौम भी शिक्षा के मैदान में आगे होती है वह न केवल यह कि विकास के पथ पर अग्रसर भी होती है बल्कि विश्व.नेता भी बनती है।
प्रोग्राम के आरंभ में लईक़ अहमद ख़ान ने संक्षिप्त में कॉन्फ्रेंस के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में इस्लाम के जो स्पष्ट एवं उज्जवल मूल्य हैं उन्हें परवान चढ़ाने तथा उनमें गति पैदा करने के उद्देश्य से एसआईओ ऑफ इंडिया ने एक अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक अकेडमिक कॉन्फ्रेंस के आयोजन का फैसला किया है जिसके मद्देनज़र तीन महत्वपूर्ण उद्देश्यों की ओर छात्रों एवं बुद्धिजीवियों का ध्यान आकर्षित कराना है:
1 इस्लामिक एपिस्टेमोलॉजी ;इस्लामी ज्ञान मीमांसा)
2 विभिन्न मान्यताएं : राष्ट्र.राज्य, सिविल सोसाईटी तथा इस्लाम
3 संस्कृति परिचर्चा: शरीयत के उद्देश्यों के आलोक में
कार्यक्रम में इस्लामी दुनिया की प्रसिद्ध हस्तियों ने शिरकत कीए जिसमें मौलाना सय्यद जलालुद्दीन उमरी, मौलाना सय्यद सलमान हुसैनी नदवी (डीनए फ़ैकल्टी ऑफ शरिया, नदवतुल उलमा, लखनऊ), इक़बाल हुसैन (राष्ट्रीय अध्यक्ष, एसआईओ ऑफ इंडिया), अलिफ शुकूर (जनरल सेक्रेटरीए एसआईओ ऑफ इंडिया),ज़फ़रुल इस्लाम ख़ान (एडिटर, मिलली गज़ेट), प्रोफ़ेसर मोहसीन उस्मानी नदवीए मौलाना अमीन उस्मानी नदवी (जनरल सेक्रेटरी, इस्लामिक फ़िक़ह एकेडमी), नुसरत अली (उपाध्यक्ष, जमाअत.ए.इस्लामी हिंद), डॉ मुहम्मद रफ़त (प्रोफ़ेसर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विवि)आदि मौजूद रहे।
मौलाना सलमान हुसैनी नदवी ने मुस्लिम नौजवानों को सीरत.ए.रसूल की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि नौजवानों को चाहिए कि वह इस्लाम को अपना आदर्श बनाएँ तथा दृढ़.संकल्प लें कि सम्पूर्ण मानवता तक इस्लाम के शांति एवं मानवता के संदेश को आम करेंगे।
प्रोफ़ेसर ज़फ़रूल इस्लाम ख़ान ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे देश का यह छात्र संगठन एसआईओ शुभकामनाओं का पात्र है कि उसने शिक्षा से आगे बढ़कर रिसर्च एवं अनुसंधान की ओर कदम बढ़ाया।
इंजी मुहम्मद सलीम ने बताया कि दुनिया में क़ौमों तथा राष्ट्रों के विकास की पहचान इस से है कि उन्होने रिसर्च की ओर कितने कदम बढ़ाए।
इक़बाल हुसैन ने बताया कि इस्लाम एक सार्वभौमिक धर्म है। यह केवल इस्लाम के अनुयायियों व मुसलमानों से ही बहस नहीं करता बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए वह मुकम्मल जीवन.व्यवस्था प्रस्तुत करता है। इस्लाम ही दुनिया में वह एकमात्र धर्म है जिसमें वास्तविक रूप से सम्पूर्ण मानवता की अनंत सफलता संभव है।