अपराधी हमें न सिखाएं कि हमें क्या कहना है
अमितशाह के बयान पर सिब्बल का पलटवार
नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर पलटवार किया है। कपिल सिब्बल ने कहा कि जो लोग अपराधी हैं वो हमें न सिखाएं कि हमें क्या कहना है और क्या नहीं? जिनके खिलाफ हत्या का केस है अब वह मूल में खोट निकालेंगे? अब तड़ीपार हमें बताएंगे कि हमें क्या कहना है? मैंने नहीं सोचता था कि बीजेपी इतना गिर जाएगी। अमित शाह के 'राहुल के मूल में खोट' वाले बयान पर भड़के कपिल सिब्बल यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मैंने ये सोचा था कि 2014 में नई सरकार आई है। शासन का अनुभव नहीं है, लेकिन आज मालूम हुआ है कि इन्हें (अमित शाह) बयानबाजी का भी अनुभव नहीं है। उन्होंने आगे कहा है कि नेहरू और वो लोग जिन्होंने देश को आजादी दिलाई। ये इशारा कर रहे थे कि उनमें खोट था। इंदिरा जी में खोट था, जिनकी अटल जी ने भी तारीफ की थी। ये बयानबाजी हो रही है। मोदी जी खुद बयान दें। अपने अध्यक्ष से कहें कि ऐसी बयानबाजी ठीक नहीं। दरअसल, आज अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल के 'खून की दलाली' वाले बयान को बेहद शर्मनाक बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर देश की जनता और बीजेपी गर्व महसूस करती है, और उसमें अगर आपको आपत्ति होती है तो मुझे ऐसा लगता है कि आपके मूल में ही खोट है। बता दें कि गुरुवार को 'किसान यात्रा' के समापन के मौके पर राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री जवानों के खून के पीछे छिप रहे हैं और उनके खून की दलाली कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने आज अपने बयान पर सफाई भी दी है। ट्वीट के जरिए राहुल ने कहा कि वह पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सर्जिकल स्ट्राइक का पूरी तरह समर्थन करते हैं, लेकिन वह देशभर में राजनीतिक फायदे के लिए पोस्टरों के जरिए सेना के इस्तेमाल के खिलाफ हैं। सर्जिकल स्ट्राइक की ओर इशारा करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि देश की आजादी के बाद सेना ने एलओसी क्रॉस की, 1965 में क्या मोदी जी, पर्रिकर और अमित शाह ने क्रॉस की थी, 1971 में किसने की थी, 1999 में क्या हुआ था और कारगिल में किसने क्रॉस की थी? ये बात कही इन्होंने? ये लोग सब बातें भूल गए हैं। जब-जब ऐसी बातें हुई हैं तो सेना ने काम कर दिखाया। हमने कभी इसपर राजनीति नहीं की। सिब्बल ने कहा है कि हम आज भी जवान को सैल्यूट करते हैं। राहुल का बयान था कि पहली बार पीएम ने कुछ करके दिखाया है। ये इतना गिर जाएंगे कि जवानों की कुर्बानियों को दिखाएंगे कि मोदी की वजह से हुआ है। बात दें कि बीजेपी ने यूपी चुनाव के मद्देनजर सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेते हुए लखनऊ, आगरा और मुजफ्फरनगर में पोस्टर लगाए, जिसमें मोदी सरकार को बधाई दी गई है। इन्हीं पोस्टरों पर राहुल गांधी ने आज सुबह ट्विटर के जरिए बीजेपी पर हमला बोला। कपिल सिब्बल ने कहा कि पाकिस्तान पेशेंट है। भारत चाहता है वह पेशेंट तंदुरुस्त रहे। उसकी बॉडी में कैंसर सेल हैं। कैंसर आतंकी हैं। कीमोथैरेपी देनी पड़ेगी। हम तो चाहते थे ये कैंसर खत्म हो। पाक तंदुरुस्त हो जाए। ये सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सोच रहे हैं कि मरीज ठीक हो गया। आतंकवाद खत्म हो गया। फतह हो गई। ये जीत गए। पोस्टरबाजी बंद करो। सेना की कामयाबी पर राजनीति बंद करो। सेना को अपना काम करने दो। सेना पहले भी करती आई है। ये लोग सर्जिकल स्ट्राइक जनता तक ले जाने की बात कर रहे हैं। एक सर्जिकल स्ट्राइक से कैंसर खत्म नहीं होता है। इलेक्शन कमीशन के 4 सितंबर 2013 के ऑर्डर को याद करें जिसमें आयोग ने कहा था कि सेना के फोटो चुनावी पोस्टरों पर इस्तेमाल न हों।