गम्भीर अपराधो के मुकदमा दर्ज करने में दीवान को होता है कोतवाल के आदेश का इंतजार!
कोतवाली दौड़ते-दौड़ते थक जाता है पीड़ित, अपराधियों की बल्ले- बल्ले
सुलतानपुर। चर्चाए आम है। साहब सख्त है। इन सब के बावजूद अपराधियों की बल्ले-बल्ले हो गयी है। आए दिन वाहन चोरी की वारदातो ने साहब की तेजी पर सवाल खंडे़ कर रहे है। चोरी की वारदातो से जहां पुलिस की निष्क्रियता उजागर हो रही है, वही पीड़ित एफआईआर दर्ज कराने के लिए हफतों नगर कोतवाली का चक्कर लगाता है। पूछने पर दीवान जवाब देता है कि कोतवाल साहब का आदेश मिलेगा तभी एफआईआर दर्ज होगी। ऐसा ही एक मामला उजागर होने पर डीएम ने कड़ा रूख अपनाया है।
बीते 28 सितम्बर को अमेठी जिले के उसरापुर निवासी विनीत कुमार पांडेय अपने भाई पिंडत अनुज पांडेय को नगर के सीताकुंड घाट पर गोमती नदी के किनारे पूजा-पाठ कराने के लिए आया था। वह अपनी मोटर साइकिल यूपी 44 एबी 8570 खड़ी किया था। जिसे अज्ञात चोर चुरा ले गये थे। 100 नम्बर पर तुरंत बाइक चोरी की सूचना दी गयी। काफी खोजबीन के बाद मोटर साइकिल नही मिली। पीड़ित मुकदमा दर्ज कराने के लिए कोतवाली पहुचा। जहा पर तहरीर लेने के बाद उसे टरका कर घर भेज दिया गया। तब से आज तक एफआईआर कापी लेने के लिए विनीत हर रोज अमेठी से कोतवाली पहुंच रहा है, लेकिन उसकी एफआईआर नही दर्ज हुई। सोमवार को भी पीड़ित एफआईआर दर्ज कराने पहुंचा तो दीवान ने उसे जवाब दिया कि साहब का आदेश मिलते ही एफआईआर दर्ज कर ली जायेगी। यह खबर जब सोशल मीडिया पर चली तो डीएम ने मामले में कड़ा रूख अपनाया। सोशल मीडिया पर ही प्रार्थना पत्र की कापी मांगी और कार्यवाही का निर्देश दिया। कहने का मतलब यह है कि डीजीपी के निर्देश को भी अब नगर कोतवाली पुलिस हल्के मे ले रही है। जिसका फायदा अपराधियों को मिल रहा है। नतीजा यह है कि हर रोज वाहन चोरी की वारदाते अनजाम दी जा रही है। जिसे रोक पाने में नगर कोतवाली पुलिस नाकाम है।