सपा का किला मजबूत करने के लिए छोड़ी डीपीआरओ की नौकरी
आसिफ मिर्ज़ा
लखनऊ। ज़माने में कुछ ऐसे लोग भी है जो समाज की भलाई के लिए सब कुछ न्योछावर करने से गुरेज नही करते। समाजसेवा ही उनकी नौकरी हो जाती है। लोगों की सेवा उनका फर्ज। इसी जुमले को पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कर दिखाया और सपा में शामिल हो गए। इनकी दस्तक से खुद सपाई भी हैरान है।
मिशन 2017 के लिए अभी काफी समय है। कोई टिकट पाने के लिए राजधानी का चक्कर लगा रहा है तो कोई स्वांग रच रहा है। खासकर सपा में अजीबो गरीब नमूने भी शामिल है। इन सबसे हटकर डॉ संदीप शुक्ला का चरित्र दिखाई दे रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी रहते हुए संदीप शुक्ला ने समाज सेवा और समाजवादी व्यस्था मजबूत करने के लिए नौकरी से इस्तीफा दे दिया। नौकरी छोड़ते ही यह समाजसेवा में लग गए। गली मोहल्लों में जाकर लोगों की समस्या सुने और निस्तारण के लिए अधिकारियो से मिलने लगे। यह खबर जब सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह को लगी तो उन्होंने इन्हें पार्टी में शामिल कर लोक निर्माण विभाग का सलाहकार मनोनीत कर दिया। पद मिलने के बाद इनमे और ऊर्जा बढ़ गई। हर शनिवार ये सुल्तानपुर पहुँच जाते है और लोगों की समस्याओं का निस्तारण करते है। डॉ संदीप शुक्ला का कहना है कि नौकरी के समय वोह बंधन में बंधे थे। अब लोगों की मदद करने में कोई बाधा नही हो रही है। सपा ही गरीबों की पार्टी है नही तो वह कोई और पार्टी में शामिल हो जाते।
सूत्रो के मुताबिक श्री शुक्ला की मेहनत और ईमानदारी देख सपा ने सुलतानपुर सीट से 2017 में चुनाव लड़ाने का मन बनाया है। इस खबर से मठाधीसों में खलबली मच गई है। सूत्रो का कहना है कि सपा के नाम पर जीतने वाले कुछ माननीयों में अहंकार पैदा हो गया है। यही वजह है कि वह जनता की मदद के बजाय उनका शोषण कर रहे है। ताज़ा मामला शहर के नजदीक दादुपुर गांव का है जहाँ पर सत्ता के बल पर लाखो की जमींन सपा विधायक कब्ज़ा कर रहे है। ऐसे में आम लोगो का विधायक को कोसना लाजमी है। हालांकि सपा सुप्रीमो की नजर ऐसे माननीयो पर गड़ी है।