रोगी की मुस्कान से जीवन को सार्थक बनायें: राज्यपाल
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान का दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
लखनऊ: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के 21वें दीक्षान्त समारोह के अवसर पर 129 छात्रों को उपाधियाँ वितरित की गई, जिसमें 37 छात्रों को डी0एम0, 15 को एम0सी0एच0, 21 को एम0डी0, 31 को पी0डी0सी0सी0, 12 को पीएच0डी0, 13 को बी0एससी0 नर्सिंग की उपाधियाँ प्रदान की गयी। डाॅ0 प्रवीन कुमार व डाॅ0 मोनिका सेन शर्मा को उत्कृष्ट शोध के लिए प्रो0 एस0एस0 अग्रवाल अवार्ड, प्रो0 एस0आर0 नायक अवार्ड उत्कृष्ट शोध के लिए न्यूरोलाॅजी विभाग की प्रो0 जयंती कलिका को दिया गया तथा प्रो0 आर0के0 शर्मा अवार्ड डाॅ0 अरूण व डाॅ0 अश्विनी को दिया गया।
दीक्षान्त समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष श्री राम नाईक, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री शिवपाल यादव, मुख्य अतिथि प्रो0 एम0सी0 मिश्रा निदेशक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली, मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष एस0जी0पी0जी0आई0 श्री राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय, संस्थान के चिकित्सक व अन्य अतिथिगण उपस्थित थे। मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव को किसी अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जाना था इस कारण उपाधि वितरण के बाद वे चले गये।
राज्यपाल इस अवसर पर उपाधि प्राप्तकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं से ग्रामीण क्षेत्र अभी भी वंचित है। अपनी दिनचर्या से सप्ताह में एक दिन ग्रामीण क्षेत्र के रोगियों की सेवा के लिये समर्पित करने का संकल्प करें। रोगी को मुस्कान देना सबसे बड़ा काम है। रोगी की मुस्कान से जीवन को सार्थक बनायें। उन्होंने कहा कि जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास करें।
श्री नाईक ने कहा कि उपाधि प्राप्त करने के बाद आप रोगी सेवा के लिये नये पड़ाव पर पहुंच गये हैं। अभिभावकों एवं शिक्षकों ने अब तक जो आपको दिया है उसे ऋण के रूप में समाज को वापस करना होगा। शिक्षकों का कर्तव्य पूरा हो गया है और आप उड़ान भरने के लिये तैयार हैं, जहाँ खुले जगत में कड़ी स्पर्धा है। रोगी सेवा वास्तव में ईश्वर से बड़ी सेवा है। उन्होंने कहा कि रोगियों को चिकित्सकों से बड़ी आस और उम्मीद होती है।
मुख्य अतिथि प्रो0 एम0सी0 मिश्रा निदेशक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने उपाधि प्राप्त चिकित्सकों को शपथ दिलाते हुए कहा कि चिकित्सकों के लिये पीड़ित मानवता का दुःख दूर करना ही केन्द्र होना चाहिए। रोगी सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। इस क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाने की जरूरत है। योजना बनाने में दूरदर्शिता का ध्यान अवश्य रखें तथा समय-समय पर स्वमूल्यांकन करके सुधार का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में प्राथमिक चिकित्सा को मजबूत करने की जरूरत है।
मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने सरकार द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में संचालित योजनाओं एवं सुविधाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए संकल्पबद्ध है।
दीक्षान्त समारोह कार्यक्रम में निदेशक संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान डाॅ0 राकेश कपूर, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अनूप चन्द्र पाण्डेय सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे।