गणित के उपयोग की सीमा तय कर पाना असंभव है: हरीश कुमार द्धिवेदी
गणित विषय में हुईं नवीनतम प्रगति पर चर्चा हेतु एमिटी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सम्मलेन
लखनऊ: एमिटी स्कूल ऑफ एप्लाइड साइंसेज, एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के गणित विभाग में ‘अभियंताओं के लिए गणित मे हुईं नवीनतम प्रगति’ विषय पर आज दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ किया गया।
मुख्य अतिथि कानपुर आईआईटी के पूर्व प्रवक्ता व शान्ति स्वरुप भटनागर पुरस्कार प्राप्त प्रोफेसर जेबी शुक्ला और लखनऊ विवि. की पूर्व प्रवक्ता प्रोफेसर एम अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया।
अतिथियों का स्वागत करते हुए एमिटी स्कूल ऑफ एप्लाइड साइंसेज के निदेशक हरीश कुमार द्धिवेदी ने कहा कि, गणित शिक्षा का अभिन्न अंग है। गणित अन्य सभी विषयों के मूल आधार को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह एक ऐसा विषय है जो काल और स्थान दोनों में समान रुप से विद्यमान रहता है। गणित के उपयोग की सीमा तय कर पाना असंभव है। यह अभियांत्रिकी, तकनीकि, पर्यावरणिकी और प्रबंधन जैसे अनगिनत विषयों में समान रुप से अपनी उपयोगिता और दखल रखता है। उन्होंने कहा कि, इस विषय पर आयोजित इस सम्मेलन का लाभ गणितके छात्र उठाएंगे और अपनी जानकारी को समृद्ध करेंगे।
प्रोफेसर जेबी शुक्ला ने ‘गणितीय मॉडल के द्वारा प्रकृति और समाज पर शोध’ विषय पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। अपने पत्र में श्री शुक्ला ने बता कि, हम किस प्रकार गणित की सहायता से समाज और प्रकृति के संबंधों का अध्ययन कर विकास दर, इकोलाजिकल व्यवस्था, सहसंबंध, पर्यावरणीय परिर्वतन आदि का पूर्वानुमान कर सकते हैं।
प्रोफेसर एम अग्रवाल ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, अगर हम गणित विषय को औजार की तरह प्रयोग करें तो बहुत सारे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हल भी ढूंढा जा सकता है। उन्होंने इस विषय में एसआईआर और एसआईएस मॉडलों के बारे में भी चर्चा की।