बालिका शिक्षा के बढावा देने से दो परिवारो को शिक्षा प्राप्त होती है: डॉ0 खुशवन्त सिंह
बाल मैत्रीपूर्ण विद्यालय निर्माण हेतु दो दिवसीय कार्यशाला संम्पन्न
लखनऊ: शिक्षा का अधिकार कानून 2009 को जमीनी स्तर पर प्रभावशाली तौर से क्रियान्वित करने तथा परिषदीय विद्यालयों में बाल मैत्रीपूर्ण वातावरण का निर्माण करने हेतु दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन अंकुर युवा चेतना शिविर तथा एक्शन एड व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में मुस्कान परियोजना के तहत आज होटल बेबियन इन, लखनऊ में संम्पन्न हो हुआ।
इस दो दिवसीय कार्यशाला का संचालन डॉ0 खुशवन्त सिंह द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने शिक्षा का अधिकार कानून 2009 कैसे व क्यो क्रियान्वयन में लाया गया तथा इसके अर्न्तगत निहित मुख्य प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गयी।, विद्यालयों को बाल मैत्रीपूर्ण बनाने की जाने वाली गतिविधियों को बताया गया। डा0 सिंह ने इस कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न मुददो जैसे बालिका शिक्षा, लैगिकता, बाल मैत्री विद्यालय तथा विद्यालय विकास योजना पर टीम की क्षमता वृद्धि की गयी। उन्होने बताया कि बालिका शिक्षा के बढावा देने से दो परिवारो को शिक्षा प्राप्त होती है। उन्होने जेण्डर समानता एवं बालिका शिक्षा को बढावा देने पर जोर दिया।
कार्यशाला के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए अंकुर संस्था की निदेशक ज्योति खरे ने मुस्कान परियोजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मुस्कान परियोजना उत्तर प्रदेश के 6 जनपदों में कार्य कर रही है, जिसमें लखनऊ जनपद भी शामिल है। लखनऊ जनपद के 9 ब्लॉकों में कुल 108 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों, 108 उच्च प्राथमिक विद्यालयों व 8 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कार्य किया जा रहा है, जहां बच्चो को तरह तरह की गतिविधियों के माध्यम से सीखने व सिखाने की विधा पर कार्य किया जाता है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के साथ मिलकर सामुदायिक गतिशीलता को बढ़ावा देने पर कार्य किया जा रहा हैं जिससे विद्यालयों में नामांकन, ठहराव व एक कक्षा से दूसरी कक्षा में नामांकन को बढ़ाया जा सके। कार्यशाला में आये प्रतिभागियो द्वारा विविध गतिविधियों के माध्यम से अपनी सीख को अन्य प्रतिभागियों में साझा किया गया।