शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों का आगे बढ़ना देश के लिए अच्छी शुरूआत है: राज्यपाल
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज नवयुग रेडियंस स्कूल राजेन्द्र नगर के स्थापना दिवस के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 1947 में देश आजाद हुआ और 1950 में हमने भारतीय संविधान को अंगीकार किया और सबको समान रूप से जीवन व्यतीत करने का अधिकार दिया। 21 वर्ष से ऊपर आयु वालों को मतदान का अधिकार दिया गया तथा बाद में मतदान की आयु को 18 वर्ष किया गया। यह दुःख की बात है कि संविधान अपनाने के 66 वर्ष बाद भी आंदोलन करना पड़ता है, लोगों के सामने विचार रखना पड़ता है ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं‘। उन्होंने कहा कि बेटी शिक्षित होती है तो पता चलता है कि बेटियों की ताकत क्या होती है।
श्री नाईक ने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। पूर्व में शिक्षित महिलाओं के लिए केवल दो क्षेत्र हुआ करते थे, एक शिक्षिका तथा दूसरा नर्सिंग का क्षेत्र। समय बदला है, बेटियाँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। महिलाओं ने अपने परिश्रम से सिद्ध किया है कि वे पुरूषों से किसी क्षेत्र में कम नहीं हैं और यदि उन्हें उचित वातावरण मिलता है तो वे पुरूषों से भी आगे जाती हैं। विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में यह भी अनुभव हुआ है कि 65 प्रतिशत पदक छात्राओं को मिले हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में देश के लिए यह भी अच्छी शुरूआत है।
राज्यपाल ने कहा कि पढ़ाई करते समय छात्र-छात्रायें केवल किताबी कीडे़ न बने। अपनी रूचि के अनुसार खेलकूद में भी सहभाग करें। शरीर स्वस्थ होता है तो बुद्धि और तीव्र होती है। राज्यपाल ने व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र बताते हुए कहा कि सदैव प्रसन्नचित रह कर मुस्कराते रहंे, दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें और अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को छोटा न दिखाये तथा हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातें आगे चलकर बड़ी सीख देती हैं।