किरमानी की सर्वकालिक भारतीय एलेवेन में कुंबले को जगह
नई दिल्ली: टीम इंडिया अपना 500 टेस्ट मैच खेल रही है, ऐसे में खेल पत्रकार से लेकर क्रिकेटर तक अपनी सर्वकालिक बेहतरीन टीम चुन रहे हैं. टीम इंडिया पूर्व खिलाड़ी और विकेटकीपर सैयद किरमानी ने अपनी सर्वकालिक टीम चुनी है. किरमानी ने अपनी टीम में नए के साथ-साथ कई पुराने खिलाड़ियों को जगह दी है. किरमानी ने कपिल देव को अपनी टीम का कप्तान बनाया है. किरमानी की टीम न लक्ष्मण को जगह मिली न कुंबले को, विकेटकीपर के रूप में किरमानी ने खुद को चुना.
सलामी बल्लेबाज के रूप में किरमानी ने सुनील गावस्कर और वीरेंदर सहवाग को चुना है. किरमानी का मनाना है कि गावस्कर और सहवाग से कोई बेहतरीन सलामी बल्लेबाज नहीं है. उनका कहना है सुनील गावस्कर सबसे बेहतरीन टेक्निकल बल्लेबाज हैं और सहवाग बिंदास व अपना स्वभाविक खेल खेलते हैं. एक तरह सहवाग तेज खेलेंगे तो दूसरी तरह गावस्कर संभल कर खेलते हैं. दोनों खिलाड़ी ऐसे हैं कि स्थिति के हिसाब से खेलते हैं. अगर टीम को तेज खेलते हुए मैच जीतना है तो सहवाग काम में आएंगे अगर लक्ष्य बहुत बड़ा है और टीम को मैच ड्रॉ रखना है तो गावस्कर काम में आएंगे.
सैयद किरमानी ने सचिन तेंदुलकर को फर्स्ट डाउन बल्लेबाज के रूप में लिया है. किरमानी का कहना है अगर कोई जल्दी आउट हो जाता है तो तेंदुलकर संभल कर खेलते हुए टीम को संभाल सकते हैं. उनका कहना है तेंदुलकर एक बेहतरीन टेक्निकल खिलाड़ी हैं, जो स्थिति को सही ढंग से पढ़ते हुए खेलते हैं. सेकंड डाउन बल्लेबाज के रूप में किरमानी ने गुंडप्पा विश्वनाथ को चुना है. उनका कहना है विश्वनाथ एक स्ट्रोक मेकर, स्टाइलिस्ट और टेक्निकली साउंड खिलाड़ी रहे हैं जो लेग कट और स्क्वायर कट बहुत बेहतरीन तरीके से खेलते थे.
किरमानी का मानना है कि आजतक ऐसा कोई दूसरा बल्लेबाज नहीं आया है जो विश्वनाथ की तरह लेट कट खेलता हो. किरमानी का कहना है विश्वनाथ पेस और स्पिन दोनों को अच्छे तरीके से खेलते थे. लक्ष्मण की जगह को लेकर सवाल पर किरमानी ने कहा कि विश्वनाथ लक्ष्मण से अच्छे खिलाड़ी रहे हैं और विश्वनाथ को बाहर करके लक्षण को जगह नहीं दे सकते.
पांचवे स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए किरमानी से राहुल द्रविड़ को चुना है. किरमानी का मनाना है राहुल द्रविड़ दीवार की तरह खड़े रहते थे और कई मौके पर टीम को संभाला, बहुत नाज़ुक स्थिति से टीम को बाहर निकाला और वह एक बेहतरीन टेक्निकल बल्लेबाज रहे हैं. ऑल राउंडर के रूप में किरमानी ने कपिल देव को चुना है. किरमानी का कहना है कपिल देव किसी भी स्थिति से टीम को निकाल लेते थे, अच्छे फील्डर थे और तेज खेलते थे. कपिल देव को किरमानी ने स्ट्राइक गेंदबाज़ के रूप में भी लिया है.
विकेटकीपर के रूप में किरमानी ने खुद को चुना है, उनका मानना है टेस्ट क्रिकेट में वह सबसे बेहतरीन विकेटकीपर रहे हैं. जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि उन्होंने अपने आप को विकेटकीपर के रूप में क्यों चुना, तो उनका कहना था कि खिलाड़ी उनको संकटमोचक के रूप में बुलाते थे और वह दवाब झेलने में काफी माहिर हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कई बार नाईट वॉचमैन बल्लेबाज के रूप में टीम को संकट से निकाला था.
किरमानी ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि 1979 में नाईट वॉचमैन के रूप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने शतक ठोका था. यह उनके लिए 'करो या मरो' जैसा मैच था. अगर वह इस मैच में विफल होते तो उनका क्रिकेट करियर खत्म भी हो सकता था. किरमान का कहना हैं कि उस वक्त के बीसीसीआई के अध्यक्ष राज सिंह डूंगरपुर ने ड्रेसिंग रूम में किरमानी को बताया था कि अगर वह बल्लेबाज के रूप में विफल होते हैं तो यह उनके क्रिकेट करियर की आखिरी सीरीज हो सकती है. इससे पहले इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप के लिए किरमानी को टीम से बहार कर दिया गया था. लेकिन किरमानी ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इस मैच 101 रन बनाए थे. किरमानी का यह भी कहना है भारत के शानदार स्पिन गेंदबाज़ बिशन सिंह बेदी, इरापल्ली प्रसन्ना और बीएस चंद्रशेखर के समय में उन्होंने विकेटकीपिंग की, जो आसान नहीं था, लेकिन फिर भी उन्होंने अच्छी विकेटकीपिंग की.
किरमानी ने अपने टीम में तीन स्पिन गेंदबाज़ों को जगह दी है. उनकी टीम में जो तीन स्पिन गेंदबाज़ हैं वह हैं बिशन सिंह बेदी, बीएस चंद्रशेखर और इरापल्ली प्रसन्ना. किरमानी ने अपनी टीम में अनिल कुंबले को जगह नहीं दी है. कुंबले ने टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं. किरमानी का कहना है कि भारत का कोई भी गेंदबाज़ इनके आसपास नहीं पहुंच पाया है. अगर किसी युवा को स्पिन गेंदबाजी सीखनी है तो इन तीन खिलाड़ियों से सीखनी चाहिए. लेकिन किरमानी ने अनिल कुंबले को बारवें खिलाड़ी के रूप में चुना है. उनका कहना है इन तीन गेंदबाज़ों में से कोई अगर घायल हो जाता है तो कुंबले उनकी जगह ले सकते हैं. किरमानी के टीम इस प्रकार है.
सुनील गावस्कर, वीरेंदर सहवाग, सचिन तेंदुलकर, गुंडप्पा विश्वनाथ, राहुल द्रविड़, कपिल देव (कप्तान), सैयद किरमानी (विकेटकीपर), जवागल श्रीनाथ, इरापल्ली प्रसन्ना, बिशन सिंह बेदी, बीएस चंद्रशेखर, अनिल कुंबले (बारहवां खिलाड़ी)