तीन तलाक एक गंभीर मुद्दा: यासूब अब्बास
सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा शिया वक्फ बोर्ड
लखनऊ: तीन तलाक के मामले में ऑल इंडिया शिया वक्फ बोर्ड ने साफ कर दिया है कि वो कदम पीछे नहीं हटायेगा। गुरुवार को सुलतानुल मदारिस में बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक में तय किया गया कि बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के मसले पर अपना पक्ष रखेगी।
इसके साथ ही कार्यकारिणी की बैठक में तय किया गया कि सायरा बानो के सु्प्रीम कोर्ट में दाखिल मुकदमें में एक पार्टी बनेगी। बैठक में मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि तीन तलाक एक गंभीर मुद्दा है, जिससे हमारी बच्चियों पर जुल्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि नये निकाहनामे का जो मॉडल है वो इस मुद्दे का हल है। उसे ही निकाह के वक्त अपनाना चाहिए। इसके साथ ही मौलाना ने कहा कि शियाओं में निकाह के लिए गवाहों की जरूरत नहीं है बल्कि तलाक के मौके पर दो गवाहों की शर्त जरूरी है।
इसके साथ ही कार्यकारिणी बैठक में आने वाले चुनाव के मद्देनजर कहा कि जो पार्टी अपने घोषणा पत्र में शियाओं के हक के लिए काम करने की बात करेगी, उसका समर्थन किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के वकील कैसर काजिम ने कहा कि तीन तलाक से इस्लाम की बदनामी हो रही है। बैठक में शियाओं के हालात का जाएजा लेने के लिए अलग से आयोग के गठन, राजनैतिक दलों से शियाओं के अधिकार के लिए घोषणा एवं आतंकवाद की निन्दा से जुड़े प्रस्ताव प्रारित किए गए।
बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना जाहिद अहमद ने तीन तलाक को शरई तौर पर गलत बताया। बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक की अध्यक्षता में हुई बैठक में मौलाना जाफर अब्बास , मौलाना जाहिद अहमद , मौलाना यासूब अब्बास , मौलाना सायम मेहदी , शिया पी जी कॉलेज के प्रिंसिपल एम एस नकवी, मुस्तफा लाम शेरवानी अन्य लोग उपस्थित रहे।
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक ने बताया कि बोर्ड द्वारा तैयार नया निकाहनामा तीन तलाक के मुद्दे का हल है। इसमें लड़कियों को अधिकार दिए गए है। कुछ शरई तौर पर है तो कुछ मानवता के आधार पर अधिकार दिए है। निकाहनामा में लड़की पर बेवजह पाबंदी न लगाना, घरवालों से दूर न रखा जाना, बिना सबूत के लड़की पर इल्जामात न लगाना, लड़की बाहर काम करने से रोका न जाना के साथ ही कई शर्ते रखी गई हैं।