रेल बजट बना अतीत की बात
अब आम बजट में ही पेश किया जाएगा रेल बजट
नई दिल्ली: अगले साल से आम बजट में रेल बजट को मिला दिया जाएगा. कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सैद्धांतिक रूप से इस पर सहमति दे दी गई है. इसी के साथ 92 साल पुरानी 'परंपरा' समाप्त हो जाएगी. रेल संबंधी वित्तीय योजनाएं और खर्चे आदि संबंधी मामले आम बजट से 1924 में अलग कर दिए गए थे. अरुण जेटली ने इस बाबत प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आने वाले साल से आम बजट में ही रेल बजट पेश किया जाएगा.
अरुण जेटली ने कहा कि विकास के मसले पर रेलवे की भूमिका अलग नहीं है. बजट की प्रक्रिया 31 मार्च से पहले खत्म करने का विचार है. सरकार सैद्धांतिक तौर पर बजट की तारीख पहली करने के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने भी कहा है कि रेल बजट का आकार अब छोटा हो चुका है और आम बजट बड़ा होता गया है.
पिछले कुछ समय से कयास लगाए जा रहे हैं कि अब आम बजट एक फरवरी को पेश हो सकता है. अब तक आम बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होता रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में विचार कर इस पर सहमति बन गई है.
बजट में विभिन्न मंत्रालयों के खर्च को योजना और गैर-योजना बजट के तौर पर दिखाये जाने की व्यवस्था को भी समाप्त किये जाने का प्रस्ताव है. इस पर भी बैठक में निर्णय लिया जा सकता है. सरकार का इरादा समूची बजट प्रक्रिया को एक अप्रैल को नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले पूरी करने का है, ताकि बजट प्रस्तावों को नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही अमल में लाया जा सके.
यही वजह है कि बजट बनाने की पूरी प्रक्रिया को समय से पहले शुरू किया जा रहा है और फरवरी अंत के बजाय फरवरी के पहले दिन बजट पेश करने का फैसला किया जा सकता है.
सूत्रों के अनुसार सरकार संसद का बजट सत्र 25 जनवरी 2017 से पहले बुला सकती है. एक फरवरी को आम बजट पेश करने से एक दो दिन पहले आर्थिक समीक्षा पेश की जा सकती है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अग्रिम अनुमान आंकड़े अब फरवरी के बजाय सात जनवरी को पेश किये जा सकते हैं. विभिन्न मंत्रालय अब व्यय की मध्यवर्षीय समीक्षा 15 नवंबर तक पूरी कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे मकसद पूरी बजट प्रक्रिया को 24 मार्च से पहले समाप्त करना है. विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक सहित पूरा बजट संसद में 24 मार्च से पहले पारित कराने की योजना है.