राजस्थान के सीएम के पास शहीद को विदाई देने का समय नहीं
शिक्षा मंत्री बोले मुख्यमंत्री के पास पहले से काफी काम है
नई दिल्ली। उरी में आंतकी हमले में शहीद हुए निंब सिंह रावत के शव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव राजसमंद के राजवा में राजकीय औऱ सैन्य सम्मान के साथ किया गया। शहीद की अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ा। इस दौरान सीएम या बीजेपी नेता के नहीं पहुंचने को लेकर राजस्थान के शिक्षा मंत्री कालीचरण सर्राफ ने गलतबयानी कर दी।
दरअसल, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे या बीजेपी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष शहीद को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे। इसी सवाल पर राजस्थान के शिक्षा मंत्री कालीचरण सर्राफ उखड़े पड़े। सर्राफ से जब इनके नहीं आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास पहले से काफी काम है।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री फ्री नहीं हैं, प्रतिनिधि को भेज दिया। जब ये कहा गया कि कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट श्रद्धांजलि देने गए, तब सर्राफ ने जवाब दिया कि सचिन पायलट के पास अभी काम क्या है, वह फ्री हैं। वह सरकार में नहीं हैं इसलिए उनको तो जाना ही चाहिए। लेकिन हम सरकार में हैं, मुख्य़मंत्री के पास कई काम हैं।
उरी में शहीद हुए निंब सिंह रावत 13 महीने बाद ही रिटायर होकर घर आने वाले थे। लेकिन निंब सिंह के 46 वें जन्मदिन पर आज राजसमंद के राजवा गांव शहीद का शव आया तो परिवार का सब्र का बांध टूट गया। निंब सिंह की बेटी ने कहा कि वे टूटेगी नहीं, खुद सेना और पुलिस में भर्ती होकर आंतकियो से लोहा लेगी। 14 साल की सबसे बड़ी बेटी दीपिका ने कहा कि उसे गर्व है पिता देश के लिए शहीद हुए, लेकिन वे पिता की मौत का बदला लेने के लिए सेना में भर्ती होगी, हाथ में बंदूक उठाएगी और हमले के लिए जिम्मेदार आंतकियों से बदला लेगी। बेटी ने कहा सरकार मेरे पिता की शहादत के लिए जिम्मेदार आंतकियों का सफाया करे।