युवा खुली आंखों से बडे़ सपने देंखे: नाइक
राज्यपाल ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया
लखनऊः आज राजभवन में राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर तथा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी द्वारा संयुक्त रूप से खिलाड़ी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। खिलाड़ी सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेष के राज्यपाल श्री राम नाईक ने अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयीय खेल प्रतियोगता 2015-16 में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को पदक देकर सम्मानित किया। प्रतियोगिता में हैण्डबाल, भारोत्तोलन, एथलेटिक्स, तीरंदाजी, जूडो, कुश्ती, कबड्डी, तैराकी, वाॅलीबाल, बास्केटबाल सहित अन्य खेल में महिला एवं पुरूष खिलाड़ी सम्मिलित थे।
राज्यपाल ने खिलाड़ी सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल की दुनिया में देश का चित्र बदलना होगा। रियो ओलम्पिक में भारत को केवल दो पदक मिले वह भी महिला खिलाड़ियों के कारण। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डाॅ0 कलाम की बात को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि युवा खुली आंखों से बडे़ सपने देंखे और उन्हें साकार करने का प्रयास करें। देश में खेल को आगे बढ़ाने के लिए गंभीरता से कुछ करने की जरूरत है। प्रतिस्पर्धा के दौर में दुनिया छोटी हो गयी है। तकनीकी विकास से विश्व में बहुत प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि हमें संकल्प के साथ आगे बढ़ने पर विचार करना चाहिए।
श्री नाईक ने कहा कि हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की स्मृति में उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। युवा पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद पर भी ध्यान दें। केवल किताबी कीड़ा न बने। खेल-कूद पढ़ाई का हिस्सा है। शिक्षा एवं खेल भावना से ही राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण एवं नैतिक उन्नयन होता है। युवा पीढ़ी महानता के उच्चतम आदर्शों का पालन करें, जिससे प्रतिभाशाली एवं आदर्श नागरिकों का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं से राष्ट्र को बहुत अपेक्षाएं हैं जिस पर उन्हें खरा उतरना होगा।
सम्मान समारोह में राज्यपाल की पत्नी श्रीमती कुंदा नाईक, प्रमुख सचिव सुश्री जूथिका पाटणकर, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति डाॅ0 पृथ्वीश नाग, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पीयूष रंजन अग्रवाल, सचिव श्री चन्द्र प्रकाश, विधि परामर्शी श्री शिव शंकर उपाध्याय सहित विश्वविद्यालय के शिक्षणगण भी उपस्थित थे।
समारोह में कुलपति डाॅ0 पृथ्वीश नाग और कुलपति श्री पीयूष रंजन अग्रवाल ने भी अपने विचार रखें। इस अवसर पर राज्यपाल को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।