पुत्रमोह त्याग सक्रिय राजनीति से सन्यास लें मुलायम: मायावती
भाजपा को यूपी में बताया लीडरलेस पार्टी
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में जारी तनातनी को ‘ड्रामेबाजी’ बताते हुए आज कहा कि अगर इसमें सच्चाई है तो जनता के व्यापक हित में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरंत संन्यास ले लेना चाहिए.
मायावती ने बसपा राज्य मुख्यालय पर वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में कहा, ‘सपा के परिवार के दर्जनों लोग किसी-ना-किसी रूप में राजनीति में शामिल हैं और उन सबके अपने-अपने स्वार्थ हैं. ऐसे में सपा परिवार की आपसी घमासान, कलह तथा गंभीर विवादों की समय-समय पर आने वाली खबरें चुनाव के समय जनता का ध्यान बांटने के लिए ड्रामेबाजी के रूप में होती हैं.
उन्होंने प्रदेश व केन्द्र सरकार की कोताही व लापरवाही के कारण राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आयी बाढ़ से लोगों की जान-माल की हानि की भी रिपोर्ट पार्टी के पदाधिकारियों से ली और बाढ़ के बाद बढ़ रही बीमारियों के खतरे के प्रति सरकार को सचेत किया। बैठक में मायावती जी ने ख़ासकर उत्तर प्रदेश की सपा सरकार व केन्द्र की भाजपा सरकार की जातिवादी व जनविरोधी नीतियों एवं ग़लत कार्यकलापों के बारे में उन कुछ जरूरी बातों का फिर से जिक्र किया, जो उन्होंने अपनी चारों महारैलियों में कही थी।
सुश्री मायावती जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश की सपा सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह से विफल साबित हुई है और ख़ासकर कानून-व्यवस्था के मामले में इस सपा सरकार का काफी ज्यादा बुरा हाल है। इस कारण ही प्रदेश का समग्र विकास काफी ज्यादा प्रभावित हुआ है। विकास के इक्का-दुक्का कामों को आनन-फानन में अब चुनाव से पूर्व पूरा कराकर उसका श्रेय लेने का प्रयास किया जा रहा है जबकि उनमें ज्यादातर कामों की शुरुआत बी.एस.पी. के शासनकाल में ही हो गयी थी। बाकी के विकास के जिन कामों का दावा सपा सरकार द्वारा किया जा रहा है वे काम केवल कागजों पर व सरकारी विज्ञापनों में ही नजर आते हैं और इन मदों का ख़र्च होने वाला धन घोर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है।
इसी प्रकार, सपा सरकार से त्रस्त उत्तर प्रदेश की जनता को, केन्द्र में भाजपा की सरकार से भी काफी ज्यादा निराशा हुई है। लोग गुस्से में हैं कि केन्द्र की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है और अपने वायदे के मुताबिक उनके ’अच्छे दिन’ लाने का वायदा निभाने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि भाजपा का यह सोचना ग़लत है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा का अगला आमचुनाव केवल सपा सरकार की ग़लत व जातिवादी नीतियों एवं कार्यकलापों के मुद्दे पर ही होगा, बल्कि इसके साथ-साथ यह आमचुनाव प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की ग़़रीब, किसान व मज़दूर-विरोधी तथा बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों की अंधसमर्थक नीतियों के मुद्दे पर भी होगा।
उन्होंने कहा कि आज पूरे सूबे में आमजनता की भावना जितनी ज़्यादा प्रदेश की सपा सरकार के अराजक, भ्रष्टाचार एवं जंगलराज आदि के खिलाफ है, उतनी ही केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की वादाख़िलाफी से भी दुखी है, जिनके ही लम्बे-चौड़े लोक-लुभावन वायदों के बहकावे में आकर यहाँ की जनता ने भाजपा के गठबंधन को लोकसभा की 80 सीटों में से 73 सीटें दे दी थी और केन्द्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की पहली सरकार बनवायी थी। अब प्रदेश के लोग अपने आपको काफी ठगा-ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
ख़ासकर उत्तर प्रदेश की त्रस्त जनता को केन्द्र में भाजपा सरकार बन जाने के बाद यह काफी उम्मीद थी कि यहाँ की जातिवादी, भ्रष्ट व अराजकता की बढ़ावा देने वाली समाजवादी पार्टी की सरकार से उन्हें उनसे किये गये वायदे के मुताबिक राहत व मुक्ति मिलेगी, परन्तु केन्द्र में श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का लगभग सवा दो वर्ष का कार्यकाल इस बात का गवाह है कि जनहित व जनकल्याण को भुलाकर भाजपा, यहाँ की सत्ताधारी सपा की जातिवादी व जन-विरोधी नीतियों व कार्यकलापों से लड़ने के बजाय, बी.एस.पी. को ही अपना असली दुश्मन मानकर बी.एस.पी. व उसके नेतृत्व के ख़िलाफ अनेकों प्रकार के षड़यन्त्र करती रही है।
भाजपा ने सपा से संघर्ष करने के बजाय उससे मिलीभगत करके प्रदेश की आमजनता के हित व कल्याण के विरूद्ध काम करना शुरू कर दिया और यहाँ की जनता से किये गये वायदे के विरूद्ध काम करते हुये राष्ट्रपति शासन लगाकर उत्तर प्रदेश को व्यापक भ्रष्टाचार व जंगलराज से बचाने में विफल रही है।
बैठक में सुश्री मायावती जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग पिछले कई वर्षों से यहाँ की सपा सरकार की अकर्मण्यता व जातिवादी नीतियों एवं कार्यशैलियों के साथ- साथ यहाँ व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार की मार झेलते रहें हैं, परन्तु केन्द्र में भाजपा की सरकार बन जाने के बाद यहाँ के लोग उसकी जनविरोधी व कट्टरवादी नीतियों आदि की दोहरी मार का शिकार बन रहे हैं।
भाजपा उत्तर प्रदेश में एक ‘‘लीडरलेस‘‘ पार्टी है जिसमें दूसरी पार्टियों से लाये गये, ’आया राम, गया राम’ की कहावत को चरितार्थ करने वाले लोगों की भरमार हो गयी है। प्रदेश की जनता ऐसे ‘आया राम, गया राम‘ वाली नेतृत्व विहीन पार्टी पर कैसे भरोसा कर सकती है।
जहाँ तक कांग्रेस पार्टी की हालत् का सवाल है तो इस पार्टी की यहाँ हालत इतनी ज़्यादा ख़राब हो चुकी है कि अब इस पार्टी के राष्ट्रीय नेताआें को अपनी पार्टी के अस्तित्व (पहचान) को बचाने के लिए यहाँ आयेदिन अपनी ’रथयात्रा, पदयात्रा व खाटयात्रा’ आदि के ज़रिये पूरे प्रदेश की सड़कों की ख़ाक छाननी पड़ रही है, फिर भी जनता उस पार्टी पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं।
इतना ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की सपा सरकार की ग़लत नीतियों व भ्रष्ट कार्यकलापों का उल्लेख करते हुये बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने कहा कि सपा के परिवार के दर्जनों लोग किसी-ना-किसी रूप में राजनीति में शामिल हैं तथा उन सबके अपने-अपने स्वार्थ हैं और ऐसे में सपा परिवार की आपसी घमासान, कलह व गम्भीर विवादों की समय-समय पर आने वाली खबरें चुनाव के समय ज्यादातर जनता का ध्यान बाँटने के लिये ड्रामेबाजी के रूप में होती हैं, फिर भी अगर इसमें सच्चाई है तो प्रदेश व यहाँ की जनता के व्यापक हित में सपा परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये।