भारतीय प्लास्टिक्स उद्योग इस वर्ष 12 प्रतिशत वृद्धि के लिए सुसज्ज
भारत में एक सर्वाधिक तेजी से विकास करने वाला उद्योग, प्लास्टिक्स औसतन दो अंकीय विकास दर का अनुभव कर रहा है। भारत सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम, स्किल इंडिया प्रोग्राम, डिजिटल इंडिया प्रोग्राम, स्वच्छ भारत अभियान और स्टार्ट अप इंडिया पहलों से इस उद्योग में और त्वरित ग्रोथ के लिए सुअवसर खुल रहे हैं। प्लास्टिक्स उद्योग भी ऐसे सभी प्रोग्रामों की सफलता में बड़े पैमाने पर योगदान देगा। उदाहरण के तौर पर डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में अधिकांश गजेट प्लास्टिक्स के बने होते हैं। इलेक्टांनिक्स उद्योग में आगामी 5 से 10 वर्ष में अधिकांश उत्पादों को भारत में निर्मित करने का प्रस्ताव है।
चीन एवं अन्य देशों से आयात घटेगा और भारत प्रमुख सोर्सिंग हब होगा। स्मार्ट सिटी, तेजी से शहरीकरण, रिटेल एवं ईकॉमर्स के मार्फत पैकेज्ड उत्पादों की बिक्री में वृद्धि, कम प्रति व्यक्ति खपत, उपभोक्ता के नित्यचर्या में बदलाव, विशाल युवा जनसंख्या, मध्य आय समूह की अधिकांश जनसंख्या, अनेक उत्पादन क्षेत्रों द्वारा अधिक मात्रा में प्लास्टिक्स को अपनाए जाने आदि द्वारा प्लास्टिक्स उद्योग के ग्रोथ में योगदान दिया जा रहा है। भारतीय प्लास्टिक्स उद्योग ने राष्टं एवं उसके नागरिकों की सेवा के लिए मात्रात्मक एवं गुणात्मक ग्रोथ की चुनौतियों का सामना करने और देश को उच्च विकास के पथ पर ले जाने के लिए स्वयं को तैयार किया है। आज यहां प्लास्टइंडिया 2018 के औपचारिक लॉन्च के अवसर पर अध्यक्ष प्लास्टइंडिया फाउंडेशन, के के. सेक्सेरिया ने यह जानकारी दी।
एनईसी, प्लास्टइंडिया 2018 के चेयरमैन राजीव चितलिया ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि भारत में सुअवसर के कारण गुरुत्वाकर्षण का केद्र तेजी से भारत की और मुड़ रहा है। भारत बड़े आकार एवं घरेलू मांग में जोरदार वृद्धि कीदृष्टि से अगला प्लास्टिक गंतव्यस्थल है। इसे वास्तविक एवं आंकड़े दर्शाते हैं। वर्ष 2020 तक भारत की प्लास्टिक्स की खपत वर्तमान 12 मिलियन मे टन वार्षिक पर पहुंचने के लिए सुसज्ज है।
भारत वर्ष 2020 तक वर्तमान 1,13,000 की तुलना में 1,80,000 मशीने निर्मित करेगा। आगामी 5 वर्ष में सिर्फ प्लास्टिक्स तैयार गुड्स का निर्यात वर्तमान 79 अरब डालर से लगभग दुगुना होकर 15 अरब डालर होने के लिए सुसज्ज है। उद्योग 2020 तक निर्यात बढ़ाकर 900 अरब डालर करने के सरकार के विजन को पूरा करने में उल्लेखनीय
भूमिका अदा करेगा। यदि प्लास्टइंडिया 2018 का प्रतिसाद कोई संकेत है तब भारतीय प्लास्टिक्स उद्योग और अच्छे समय की उम्मीद कर रहा है। प्रदर्शनी 15 अत्याधुनिक हाल समेत 125,000 वर्गमीटर के कुल क्षेत्र में फैली होगी। 40 देशों की 600 कंपनियों समेत लगभग 2000 कंपनियां प्लास्टइंडिया 2018 में अपने उत्पाद, टेक्नोलॉजी एवं अविष्कार प्रदर्शित करेगी।