लखनऊ: मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि सपा सरकार की स्मार्टफोन देने की योजना वोटरों को रिश्वत देना नहीं है। उन्‍होंने कहा कि मोबाइल फोन जनता और सरकार के बीच संवाद को और मजबूत करेगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि अब हम शहरों की ट्रैफि‍क समस्‍या पर भी ध्‍यान देंगे। समाजवादी पार्टी के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में इसे शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में शासकीय योजनाओं का लाभ जन सामान्य तक पहुंचाने के लिए निःशुल्क स्मार्ट फोन वितरण योजना को मंजूरी प्रदान की गई। यह स्मार्ट फोन प्रदेश के उन निवासियों को वितरित किया जाएगा, जिनकी आयु 01 जनवरी, 2017 को 18 वर्ष या उससेे अधिक होगी। आवेदक को हाईस्कूल अथवा समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होने की शर्त भी रखी गयी है। इसके साथ ही, आवेदक अथवा उसके अभिभावक श्रेणी-1 अथवा श्रेणी-2 के शासकीय अधिकारी नहीं होने चाहिए। इस योजना का लाभ उन्हीं आवेदकों को मिलेगा, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 06 लाख रुपए से कम है।
लाभार्थियों का चयन आॅनलाइन पंजीयन के माध्यम से किया जाएगा। आॅनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया एक माह के अंदर प्रारम्भ हो जाएगी। आवेदन के समय हाईस्कूल प्रमाण-पत्र की स्कैन की गई प्रति अपलोड करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त किसी अन्य अभिलेख की आवश्यकता नहीं होगी। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसी सरकारी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीयन के उपरान्त सरकारी तंत्र के माध्यम से आवेदक का सत्यापन कराया जाएगा। स्मार्ट फोन की होम डिलीवरी विधिवत सत्यापन के पश्चात् की जाएगी। स्मार्ट फोन का वितरण फस्र्ट कम-फस्ट सर्व के आधार पर वर्ष 2017 के उत्तरार्द्ध में किया जाएगा।
प्रदान किया जाने वाला स्मार्ट फोन वैश्विक रूप से अद्यतन, नवीनतम तकनीकी युक्त होगा, जिसकी विशिष्टियां एक तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित की जाएंगी। स्मार्ट फोन में सभी विभागों की शासकीय योजनाओं से सम्बन्धित सूचनाएं, आॅडियो-वीडियो तथा पाठ्य रूप में देने के लिए एक समग्र मोबाइल एप होगा। स्मार्ट फोन का क्रय ग्लोबल बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि समाज के विभिन्न स्तरों तथा विभिन्न स्थानों पर सूचना प्रौद्योगिकी विकास का स्तर अलग-अलग है। इस अंतर को समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा स्मार्ट फोन वितरण योजना को क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है। इससे टू-वे कम्युनिकेशन सम्भव हो सकेगा और सरकार को सीधे जनता से फीडबैक प्राप्त हो सकेगा।