क्रिश्चियन अल्पसंख्यक समुदाय ने राज्यपाल से माँगा न्याय
सेंट फिदेलिस छेड़खानी मामले में संस्थान ने बताई मीडिया को सच्चाई
उपप्रधानाचार्य पर लगे आरोपों को बताया संस्था को बदनाम करने की साज़िश
लखनऊ: अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान सेन्ट फिडेलिस कालेज में संस्थान के उप प्रधानाचार्य के विरूद्व एक छात्रा द्वारा लगाए गए कथित छेड़खानी के आरोप को ईसाई अल्पसंख्यक की संस्था डायोसिस ऑफ़ लखनऊ ने मिथ्या बताया है और मामले न्यायोचित और निष्पक्ष जांच की मांग की है । गौरतलब है कि इस मामले में कॉलेज के उप प्रधानाचार्य पास्को एक्ट के तहत जेल में बंद हैं ।
इस बारे में डायोसिस ऑफ़ लखनऊ के पदाधिकारियों द्वारा आज पत्रकार वार्ता में सेन्ट फिडेलिस कालेज का पक्ष रखते बताया कि दरअसल यह पूरा मामला एक ऐसी स्टूडेंट जो पढाई में बहुत कमज़ोर थी और दबाव डलवाकर क्लास प्रमोशन चाहती थी जिसके इनकार होने पर उस छात्रा ग़लत रास्ता पकड़ा और कॉलेज प्रिंसिपल और वाईस प्रिंसिपल के विरुद्ध गलत और मिथ्यापूर्ण आरोप लगाए जिसमें उस छात्रा के घर वालों का पूरा हाथ रहा ।
डायोसिस के अनुसार यह है पूरा मामला
कथित आरोप कक्षा-8 बी की एक छात्रा जिसके चाचा जो स्वयं लखनऊ में एक वकील हैं, ने इस संगठित वकीलो के गुट की सांठगांठ से उसको हथियार बनाकर, उसके परिवार के माध्यम से लगाये है। यह छात्रा पढ़ाई में अत्याधिक कमजोर है, जिसके बारे में कालेज प्रबन्धन द्वारा समय-समय पर उसके अभिभावको को सूचित किया जा रहा था और जिसके सम्बन्ध उसके अभिभावको ने यह आश्वासन दिया था कि वह छात्रा अपनी पढ़ाई में समुचित व अच्छा सुधार करेगी । उसके अभिभावको ने यह भी मौखिक आश्वासन दिया था कि अगर वह छात्रा सन्तोषजनक प्रगति नही करती है तो कालेज प्रबन्धन उसे कक्षा में दोहरा सकने के लिये स्वतन्त्र होगें। उसके अभिभावको के उक्त आश्वासन पर प्रोन्नति कमेटी ने उसकी सशर्त प्रोन्नति दी थी। विगत 30 जुलाई को उप प्रधानाचार्य द्वारा उस सहित समस्त छात्र-छात्राओ के माता पिता को अपने अपने बच्चों का प्रथम सत्र का परीक्षाफल देखने के लिये हेतु बुलाया गया। उस छात्रा की मॉ भी कालेज उसका परीक्षाफल देखने कालेज आयी। उप प्रधानाचार्य ने उसकी मॉ को सूचित किया कि वह छात्रा के निरन्तर गिरते स्तर के सम्बन्ध में उसके पिता से मिलना चाहते है और यदि सम्भव हो तो वे 03 अगस्त को उनसे मिल ले ताकि वे उन्हे छात्रा की प्रगति के सम्बन्ध में उन्हे भी सूचित कर सकें। इस के उपरान्त छात्रा के माता पिता ने छात्रा व उसके चाचा जो कि लखनऊ में एक वकील है, के साथ मिलकर एक झूठी और मनगढन्त कहानी बनाकर थाना विकास नगर, लखनऊ FIR में दर्ज करवा दी।
डायोसिस के अनुसार इस FIR में कथित आरोपो के सम्बन्ध में जो भी तथ्य व सामग्री दी गई है वह सब झूठी, गढ़ी हुई व मनगढण्त है। उपप्रधानाचार्य लैन्सी वी0 लोबो को इसलिये झूठा फसाया गया है क्योंकि वह एक बहुत ही अनुशासनप्रिय अध्यापक हैं।
डायोसिस ने आरोप लगाया कि इस सम्बन्ध की जा रही जॉच निष्पक्ष रूप से नही की जा रही है क्योकि सम्बन्धित थाने के जॉच अधिकारियो पर इन वकीलो के गुट का अत्याधिक दबाव है। यह संस्थान में 48 कैमरो से युक्त है जिनमें कथित घटना के दिन सहित पिछले 15 दिन की रिकार्डिग है, जिसे विद्यालय प्रबन्धन द्वारा आगे की जॉच हेतु सुरक्षित कर रखा है। ये सरलता से यह सिद्व कर सकते है कि कथित अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं और इनके विरूद्व वकीलो के गुट व षिकायतकर्ताओ द्वारा षडयन्त्र किया गया है।
पत्रकार वार्ता से पूर्व डायोसिस का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाइक से मिला और पूरे मामले से अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगाईं । राज्यपाल ने प्रतिनिधि मंडल को न्याय दिलाने का आश्वासन का आश्वासन दिया और इस बारे प्रदेश के dgp को न्योयोचित कार्रवाई करने के लिए कहा है।
प्रतिनिधि मंडल में फा0 पॉल रोड्रिग्स बिशप हाउस, हजरतगंज, ब्रदर मैथ्यू मौन्ट फोर्ड कालेज, महानगर, फा0 रेमिश एक्का सेन्ट फिडेलिस आश्रम, विष्णुपुरी कालोनी, सिस्टर फ्लोरेन्स स्टैला मौरिस इण्टर कालेज, सिस्टर सिल्वी ए0 सी0 माउन्ट कारमेल कालेज, महानगर, फा0 मेलविन कैथेड्लि सीनियर सेकेन्डरी स्कूल, हजरतगंज, फा0 रोनाल्ड डी-सूजा कैथोलिक डायोसिस आफ लखनऊ, ब्रदर जॉय थामस, मौन्ट फोर्ड इण्टर कालेज, महानगर लखनऊ मौजूद थे।