तो गरीबों के मसीहा नही है मुख़्तार अंसारी !
आसिफ मिर्ज़ा
लखनऊ। प्रदेश में राजनैतिक उथल पुथल के बाद आगरा से लखनऊ जेल शिफ्ट हुए माफिया मुख़्तार अंसारी गरीबो के मशीहा नही है। यह बात सोलह आने सच है। इसका खुलासा मऊ से आये एक गरीब मुस्लिम ने कर दिया। विधायक से मिलकर लौटने के बाद फफक फफक कर रो पड़ा और प्रार्थना पत्र नही बल्कि अपने दिल के कई टुकड़े कर डाले।
गोसाईगंज थाने के लखनऊ जेल में हाल ही में माफिया या यूँ कहे गरीबों के मशीहा कहे जाने वाले मुख़्तार अंसारी को शिफ्ट किया गया है। जहा गाजीपुर मऊ समेत दर्जनों जिलो के फरियादी एक आस के साथ पहुँचते है। लेकिन ज्यादातर लोगो के अरमानो पर पानी फिर जाता है। इसका खुलासा रविवार को हुआ। मऊ के रहने वाले मेराज की करीब तीन घंटे के इंतजार के बाद मुख़्तार अंसारी से हुई। आधे घंटे बाद जब मेराज बाहर निकला तो वह रो पड़ा और अपने प्रार्थना पत्र कई टुकड़े कर डाले। मेराज का कहना था कि विधायक गरीबों की नही सुनते है। उसकी आँख की रोशनी कमजोर हो गई है।वह मदद मांगने पहुंचा था मदद की बजाय विधायक ने प्रार्थना करने की बात कही। इसके अलावा कौमी एकता दल के जिलाध्यक्ष और कई नेता सुबह से शाम तक मिलने के लिए इंतजार करते देखे गए।