सचिव राष्ट्रीय एकीकरण को मिली सच बोलने की सजा
जिलों के डीएम बनने का रेट बताने पर हुए निलंबित
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जिलाधिकारी पद पर तैनात होने के लिए बड़ी रकम जरूरी है। कल बस्ती के नोडल अधिकारी तथा सचिव राष्ट्रीय एकीकरण अशोक कुमार ने छोटे जिलों के डीएम बनने का रेट 70 लाख रुपया बताया था। उनके इस कृत्य को अनुशासनहीनता मानकर प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया।
प्रदेश शासन में सचिव राष्ट्रीय एकीकरण के पद पर कार्यरत अशोक कुमार बस्ती जिले के नोडल अधिकारी भी हैं। कल अशोक कुमार बस्ती के दौरे पर थे। उन्होंने जिला अस्पताल के के साथ ही बस्ती के कई कार्यालय तथा ब्लाक का निरीक्षण भी किया था।बस्ती के बहादुरपुर विकास क्षेत्र के एडीओ को अकारण कार्यालय से संबद्धकर ग्राम पंचायत अधिकारी आनंद सिंह को नियम विरूद्ध एडीओ को चार्ज देने के मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी शिवशंकर सिंह को नोडल अधिकारी अशोक कुमार ने डीपीआरओ के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश कर दी है।
इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास भी पैसा होता तो मैं भी कहीं का डीएम बन जाता। प्रदेश में जिलाधिकारी बनने के 70 लाख रुपया होना जरुरी है। मेेरे पास इतना रुपया नहीं था, इसी कारण से मैं डीएम नहीं बन पाया। डीएम तो नहीं बन पाया और मैं कमिश्नर बनना नहीं चाहता।अशोक कुमार का यह बयान ही आज उनको सख्त सजा का कारण बन गया। सूबे की सरकार ने इसको अनुशासनहीनता माना है। सरकार ने घूस के बयान पर गंभीर होते हुए अशोक कुमार को निलंबित कर दिया।