‘स्वयंसेवक का ‘स्वयंसेवकत्व’ ही संघ के समन्वय का आधार है
लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) तथा समवैचारिक संगठनों के स्वयंसेवक कार्यकर्ताओं की एक दिवसीय समन्वय बैठक सरसंघचालक डा. मोहन मधुकर राव भागवत की उपस्थिति में निराला नगर के सरस्वती कुंज के माधव सभागार में सोमवार को सम्पन्न हुई।
श्री भागवत ने कहा कि सभी संगठन स्वतंत्र, स्वायत्त व स्वावलम्बी है। सभी के कार्यक्षेत्र, कार्यपद्धति और कार्यकर्ता भिन्न-भिन्न हैं। फिर भी सभी राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति के लिए काम करते हैं।
समन्वय बैठक की अवधारणा को रखते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि यह बैठक स्वयंसेवकों की होती है, जो विविध क्षेत्रों में व्यवस्था परिवर्तन में लगे हुए हैं। व्यवस्था परिवर्तन तभी सफल होगा, जब समाज भी उस दिशा में आगे बढ़ेगा। उन्होंने परिवर्तन की दिशा को स्पष्ट करते हुए सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, ग्राम विकास जैसे सकारात्मक विषय को लेकर चलने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि ‘‘स्वयंसेवक का ‘स्वयंसेवकत्व’ ही संघ के समन्वय का आधार है। स्वयंसेवक होने के नाते हमारा परस्पर मिलन होना चाहिए। स्वयंसेवक बने रहने के लिए समवैचारिक संगठनों को ‘प्रतिज्ञा व प्रार्थना’ नित्य करने के दो सूत्र भी बताये। अपने-अपने क्षेत्रों में बहुत अच्छा करने के बावजूद भी ‘स्वयंसेवकत्व’ याद रखना आवश्यक है।
संघ प्रमुख ने कहा कि संघ की दैनिक शाखा पर आए स्वयंसेवकों का देश भक्ति, नैतिक, चारित्रिक, समरसता, अनुशासन जैसे अनेक गुणों का निर्माण होता है। एक प्रकार से यह ऐसी कार्यशााला है, जिसमें राष्ट्रोत्थान के लिए स्वयंसेवक अपना तन-मन-धन समर्पित करता है। हम स्वयंसेवक के नाते एक ध्येय लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार गुलाम होने वाला समाज नहीं चाहिए, ऐसा समाज चाहिए जो कभी गुलाम न हो। संघ का स्वयंसेवक उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
समन्वय बैठक में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मधुभाई कुलकर्णी व अशोक बेरी, अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक, क्षेत्रीय संघचालक डाॅ देवेन्द्र प्रताप सिंह, क्षेत्रकार्यवाह राम कुमार, सह क्षेत्र कार्यवाह डाॅ. वीरेन्द्र जायसवाल, भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, अभाविप के धर्मपाल सिंह व मनोजकान्त, विद्याभारती के ब्रह्मदेव भाई व यतीन्द्र कुमार, भारतीय किसान संघ के वीरेन्द्र सिंह, भारतीय मजदूर संघ के अनुपम, राष्ट्रसेविका समिति की क्षेत्र कार्यवाहिका शारदा जी, महिला समन्वयक संयुक्ता भाटिया समेत विविध संगठनों के करीब 123 पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में उपस्थित प्रमुख संगठनों में वनवासी कल्याण आश्रम, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिन्दू परिषद, राष्ट्र सेविका समिति, भारतीय जनता पार्टी, अधिवक्ता परिषद, भारतीय शिक्षण मण्डल, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, सेवा भारती, संस्कार भारती, सामाजिक समरसता मंच, स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, क्रीड़ा भारती, सक्षम, अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ, आरोग्य भारती, भारत विकास परिषद, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, राष्ट्रीय सिख संगत, पूर्व सैनिक सेवा परिषद, हिन्दू जागरण मंच, विज्ञान भारती, संस्कृत भारती, प्रज्ञा प्रवाह समेत करीब 40 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी शामिल रहे।